शिवभोजन थाली (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Akola News: महाराष्ट्र सरकार द्वारा गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए शुरू की गई शिवभोजन थाली योजना अब आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। मात्र 10 में पोषक और ताजा भोजन उपलब्ध कराने वाली इस योजना की शुरुआत 26 जनवरी 2020 को हुई थी। लेकिन अब, दिवाली के ठीक पहले, पिछले 10 महीनों से अनुदान न मिलने के कारण योजना के बंद होने की आशंका जताई जा रही है।
जिले में कुल 56 शिवभोजन केंद्र कार्यरत हैं, जिनमें 29 शहर में और 27 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। इन केंद्रों से प्रतिदिन लगभग 6,000 थालियों का वितरण किया जाता है। लेकिन पिछले कई महीनों से केंद्रों को मिलने वाला अनुदान अटका हुआ है। जुलाई में केवल 55.92 लाख की राशि प्राप्त हुई, जबकि आपूर्ति विभाग ने वित्तीय सलाहकार और उप सचिव को 3.66 करोड़ से अधिक की मांग भेजी थी। अपूर्ण निधि मिलने से थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन समस्या पूरी तरह हल नहीं हुई है।
वर्तमान में आर्थिक कठिनाइयों के कारण शिवभोजन केंद्रों पर संकट मंडरा रहा है और थाली वितरण बाधित हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो गरीबों को इसका सीधा नुकसान होगा। केंद्र संचालकों ने पालकमंत्री के नाम पर आपूर्ति विभाग को निवेदन सौंपा था, जिसके बाद विभाग ने वित्तीय सलाहकार को पत्र भेजा। शिवभोजन केंद्र संचालकों की संगठनें भी लगातार निधि के लिए प्रयासरत हैं।
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“यह योजना गरीबों के लिए अत्यंत उपयोगी है, लेकिन अनुदान अटकने से हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। त्योहारों के समय में केंद्रों का लंबित अनुदान तुरंत दिया जाना चाहिए।”
– देविदास बोदडे, संचालक, शिवभोजन केंद्र।
“कुछ दिन पहले थोड़ी राशि प्राप्त हुई जिससे ग्रामीण केंद्रों को राहत मिली है। अब दिवाली से पहले और अनुदान मिलने की उम्मीद है।”
– योगेश अग्रवाल, संचालक, शिवभोजन केंद्र, अकोला।