दीपावली से पहले सोयाबीन की खरीदी करें (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola District: अत्यधिक बारिश के कारण किसानों की हालत खराब है। किसान आर्थिक रूप से संकट में हैं। इस परिस्थिति में सोयाबीन की खरीदी के लिए सरकारी खरीदी केंद्र शुरू न होने के कारण व्यापारी अत्यंत कम दरों में सोयाबीन की खरीदी कर रहे हैं। राज्य सरकार ने यदि दीपावली से पहले सोयाबीन के खरीदी केंद्र शुरू नहीं किए तो जनप्रतिनिधियों और विशेष रूप से विधायकों के घरों का घेराव शुरू किया जाएगा, यह इशारा किसान ब्रिगेड के अध्यक्ष दिवाकर गावंडे ने दिया है।
तीन हजार से साढ़े तीन हजार रु। के अनुसार वर्तमान समय में सोयाबीन की खरीदी हो रही है। इतने कम दामों में जिले के किसानों का उत्पादन खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। उस पर सरकार सोयाबीन के लिए सरकारी खरीदी केंद्र शुरू नहीं कर रही है, जिसके कारण सोयाबीन को मिट्टी मोल दामों में बेचना पड़ रहा है।
सरकार ने किसानों की इस गंभीर समस्या की ओर तुरंत देखना चाहिए। सभी विधायकों और अन्य जन प्रतिनिधियों ने यह विषय सरकार के सामने उठाना चाहिए। यदि दिवाली से पहले सरकार यह समस्या हल नहीं करती है तो किसान ब्रिगेड निश्चित ही सभी विधायकों के घरों का घेराव करते हुए सोयाबीन खरीदी केंद्र शुरू करने की मांग करेगा। उन्होंने कहा है कि सोयाबीन की बुवाई, मजदूरी, बीज, खाद, कीटनाशक यह सभी खर्च यदि एकत्रित किए तो साधारणत: 20 हजार रु। प्रति एकड़ इतना खर्च आता है।
लेकिन इसके बदले में बहुत ही कम दामों में सोयाबीन की खरीदी कर के व्यापारी किसानों को एक प्रकार से लूट रहे हैं यह बात अब सभी लोगों के ध्यान में आ गयी है। सरकार ने यह सब तुरंत रोकना चाहिए। सरकार ने यदि गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो किसान ब्रिगेड आंदोलन का रास्ता अपनाएगा। किसान ब्रिगेड के कार्याध्यक्ष शरद वानखड़े, प्रदीप पाटिल गावंडे, भगवंतराव गवली, राजेश मावले, रामधन दामोदर, राजेंद्र जंजाल, सिद्धार्थ तायड़े व किसान ब्रिगेड के प्रवक्ता धनंजय मिश्रा ने इशारा दिया है कि, किसान ब्रिगेड निश्चित ही आंदोलन का रास्ता अपनाएगा।
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नाबार्ड द्वारा सरकारी खरीदी केंद्र शुरू करने की अत्यंत आवश्यकता है। इसके बाद भी सरकार जान बूझकर लापरवाही कर रही है। इस घटना की गंभीर दखल लेते हुए यह प्रश्न दिल्ली दरबार में उठाया जाएगा। ऐसा राष्ट्रीय किसान परिसंघ के सचिव प्रकाश पोहरे ने कहा। उनका कहना है कि, पहले ही अतिवृष्टि के कारण किसानों को काफी तकलीफ है। सोयाबीन से उन्हें कुछ आधार मिल सकता है लेकिन व्यापारी किसानों की लूट कर रहे हैं, इसलिए सरकारी सोयाबीन खरीदी केंद्र शुरू करना बहुत जरूरी है, अब यह विषय हम दिल्ली में उठाएंगे।