अकोला पहुंचे भाजपा नेता किरीट सोमैया (सोर्स: सोशल मीडिया)
अकोला: अकोला में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र घोटाले का मामला लगातार जोर पकड़ता जा रहा है। भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने मंगलवार को फिर एक बार अकोला पुलिस से बातचीत कर जांच से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी। अकोला के रामदासपेठ पुलिस स्टेशन पहुंचकर उन्होंने अधिकारियों को बोगस कागजात से जुड़े कुछ दस्तावेज सौंपे।
इसके बाद किरीट सोमैया ने जिले की पातुर तहसील का दौरा किया और घुसपैठ के महत्वपूर्ण सबूत प्रस्तुत किए, जिससे पातुर और आसपास के क्षेत्रों में हलचल मच गई है। उन्होंने तहसील कार्यालय में अधिकारियों से बातचीत की। इस बीच, पुलिस ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में 11 और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जांच में सामने आया है कि ये आरोपी नकली दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र तैयार करवा रहे थे। यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले 3 फरवरी को भी 11 लोगों पर मामले दर्ज किए गए थे। इस बनावटी जन्म प्रमाण पत्र प्रकरण में अब तक कुल 24 लोगों पर मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है कि किन लोगों को फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारतीय नागरिकता दिलाई गई है। इस कारण पुलिस विभाग तथा सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है और संकेत दिए हैं कि जल्द ही कुछ और आरोपी गिरफ्तार हो सकते हैं। पुलिस इस प्रकरण पर पूरी गंभीरता से जांच कर रही है।
पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि तहसील कार्यालय ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र जारी करने वाले बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को जारी किए गए दस्तावेजों की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि, ऐसे कार्य करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बारे में बिलकुल कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर उनके साथ विधायक रणधीर सावरकर, जिला भाजपाध्यक्ष किशोर मांगटे पाटिल, भाजपा के महानगराध्यक्ष जयंत मसने उपस्थित थे। उन्होंने इसके पूर्व भी अपने अकोला दौरे में आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव के बाद जन्म और जाति प्रमाण पत्र के लिए प्राप्त आवेदनों में नाम बांग्लादेशियों के थे।
बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ के मामले में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने रामदास पेठ पुलिस थाने का दौरा किया था और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र वाले 16 लोगों की सूची सबूतों के साथ उपविभागीय पुलिस अधिकारी सतीश कुलकर्णी और पुलिस निरीक्षक मनोज बहुरे को सौंपी थी।
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इसके बाद, अकोला तहसील कार्यालय द्वारा दस्तावेजों की जांच की गई और पाया गया कि 11 लोगों ने फर्जी दस्तावेज जमा करके जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त किए थे। उनकी रिपोर्ट रामदास पेठ पुलिस को सौंप दी गई है और इससे पहले 11 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।