विधायक रणधीर सावरकर (सौ. सोशल मीडिया)
Procurement Of Grain At Guaranteed Price Begins: खरीफ मौसम 2025-26 के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन, मूंग और उड़द की गारंटी मूल्य पर खरीदी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस निर्णय से राज्य के हजारों किसानों को बड़ी राहत मिली है। यह जानकारी विधायक एवं भाजपा प्रदेश महासचिव रणधीर सावरकर ने दी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के 28 अक्टूबर 2025 के पत्र के अनुसार, राज्य सरकार ने 30 अक्टूबर से किसानों की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। विधायक रणधीर सावरकर ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस विषय में मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने 30 अक्टूबर से खरीदी शुरू करने का आश्वासन दिया था। अपने वचन को निभाते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में यह निर्णय लेकर उन्हें राहत प्रदान की है।
वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विधायक सावरकर ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर किसानों की समस्याएं और भावनाएं केंद्र सरकार तक पहुंचाईं। इसके आधार पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने त्वरित संज्ञान लेते हुए गारंटी मूल्य खरीदी की मंजूरी प्रदान की। केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सोयाबीन के लिए 18,50,700 मीट्रिक टन, मूंग के लिए 33,000 मीट्रिक टन और उड़द के लिए 3,25,680 मीट्रिक टन की खरीदी को मंजूरी दी गई है। इस निर्णय के लिए विधायक सावरकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, कृषि मंत्री दत्ताभाऊ भरणे और सहकार मंत्री जयकुमार रावल का आभार व्यक्त किया है।
विधायक सावरकर ने कहा कि ”हम शब्द के पक्के हैं और किसानों के हित में काम करने वाली सरकार है। ” उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में खरीदी की मात्रा बढ़ाने को लेकर भी सरकार सकारात्मक निर्णय लेगी। गारंटी मूल्य योजना के अंतर्गत 30 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक किसानों की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया चलेगी, जबकि 15 नवंबर 2025 से अगले 90 दिनों तक खरीदी की प्रक्रिया केंद्र सरकार के मार्गदर्शक निर्देशों के अनुसार संचालित की जाएगी।
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विधायक सावरकर ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी उपज सोयाबीन, मूंग और उड़द को खुले बाजार में कम दामों पर न बेचें, बल्कि शासकीय गारंटी मूल्य पर ही विक्रय करें। खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए नाफेड के ग्रेडर खरीदी केंद्रों और गोदामों पर नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही बारदाना, संकलन और भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। यह निर्णय राज्य सरकार की किसानहितैषी नीति का प्रमाण है और इससे किसानों को आर्थिक संबल मिलेगा।