प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद अकोला के नेता (सोर्स: सोशल मीडिया)
Akola New Political Front Against BJP: महाराष्ट्र में महानगरपालिका चुनाव की घोषणा होते ही अकोला के कुछ कार्यकर्ता सक्रिय हो गए है। मंगलवार को शहर के एक लॉन में नागरिकों से सीधा संवाद साधते हुए उन्होंने अकोला के विकास से जुड़ी जनभावनाओं को जाना। इस संवाद से स्पष्ट संकेत मिला कि महानगर पालिका चुनाव में महायुति को चुनौती देने के लिए एक नया मोर्चा चुनाव में हिस्सा लेने के लिए तैयार हो रहा है।
महापालिका चुनाव की पृष्ठभूमि में भाजपा ने जोरदार मोर्चेबंदी शुरू की है। राज्यभर में पार्टी से बाहर गए नेताओं की घरवापसी के प्रयास जारी हैं, लेकिन शहर में यह प्रयास असफल होते दिखाई दे रहे हैं। उलट, अकोला में यह अपवाद भाजपा के लिए नई राजनीतिक समीकरणों का कारण बन रहा है।
पहले ही भाजपा का गढ़ माना जाने वाला पश्चिम अकोला विधानसभा क्षेत्र हाथ से निकल चुका है और अब महानगरपालिका चुनाव में भी भाजपा के सामने बड़ा चुनौतीपूर्ण परिदृश्य उभर रहा है। इस नए मोर्चे में भाजपा के ही कई स्वाभिमानी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
यदि ऐसा होता है तो इसका सीधा असर भाजपा उम्मीदवारों के मतपेटी पर पड़ने की आशंका है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह समीकरण भाजपा के लिए कठिनाई बढ़ा सकता है। नागरिक संवाद इस बैठक का आयोजन “लोकतंत्र मजबूत करने वाला नागरिक संवाद” शीर्षक से किया गया था।
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इस बैठक में शहर के सभी 20 प्रभागों से बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे। मंच पर पूर्व पार्षद हरीश आलीमचंदानी, डॉ. अशोक ओलंबे, एडवोकेट गिरीश गोखले, आशीष पवित्रकार, हरिभाऊ काले, चौथमल सारडा, पांडुरंग कालणे, विठ्ठलराव गाढे, मधुकर रगडे और डॉ. गणेश बोरकर प्रमुख रूप से उपस्थित थे।