स्थानीय चुनावों से पहले एक्शन में चुनाव आयोग (फाइल फोटो)
Election Commission Took Strict Steps: आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों से पहले दोहरा मतदान रोकने के लिए चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाया है। चुनावों को निष्पक्ष, पारदर्शी और स्वतंत्र बनाए रखने के उद्देश्य से आयोग ने संभावित दोहरे मतदाताओं की पहचान और उन पर कार्रवाई के लिए प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा प्रत्यक्ष जांच की प्रक्रिया शुरू की है।
इस जांच में मतदाता की पसंद के अनुसार मतदान केंद्र चुनने का अवसर दिया जाएगा या फिर मतदान के समय शपथपत्र लेकर मतदान की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में आदेश 29 अक्टूबर को आयोग द्वारा सभी जिलाधिकारियों को जारी किया गया है। आयोग के निर्देशानुसार, स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों के लिए उस दिन की मौजूदा विधानसभा मतदाता सूची ही मान्य होगी। इसमें नए नाम जोड़ने या पुराने नाम हटाने का अधिकार आयोग या स्थानीय प्राधिकरण को नहीं होगा।
हालांकि, मतदाता सूची में मौजूद दोहरे या तिहरे नामों को हटाने के लिए आयोग ने एक सख्त प्रक्रिया लागू की है। प्रत्येक प्राधिकृत अधिकारी को लॉगिन आईडी और पासवर्ड के माध्यम से ‘दुबार रिपोर्ट’ उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें एक से अधिक बार दर्ज हुए नाम दिखाई देंगे। संबंधित मतदाताओं की तस्वीरें, पते और अन्य विवरणों की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे एक ही व्यक्ति हैं या अलग-अलग। यदि यह सिद्ध होता है कि वे एक ही व्यक्ति हैं, तो उस मतदाता को अपनी पसंद के मतदान केंद्र पर मतदान करने के लिए आवेदन देना होगा।
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यदि मतदाता द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जाती है, तो उसके नाम के सामने ‘दुबार मतदाता’ की टिप्पणी दर्ज की जाएगी और मतदान केंद्र पर उससे शपथ पत्र लिए बिना मतदान की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह आदेश सभी ग्रामीण और शहरी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं पर लागू रहेगा। दोहरे नाम वाले मतदाताओं के घर जाकर यह जानकारी ली जाएगी कि वे कहां मतदान करना चाहते हैं। यदि उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया, तो उन्हें ‘दुबार मतदाता’ के रूप में दर्ज किया जाएगा। ऐसे मतदाता को जिस केंद्र पर वह मतदान करने आएगा, वहां शपथपत्र देकर ही मतदान करने की अनुमति दी जाएगी।