अकोला न्यूज
Akola News In Hindi: आमतौर पर विपक्ष द्वारा सरकार पर आरोप लगाना एक सामान्य बात होती है, लेकिन जब कोई सरकारी संस्था ही सरकार पर सवाल उठाए, तो मामला गंभीर हो जाता है।
ऐसा ही एक मामला डॉ पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय से जुड़ा है, जिसने एक जनहित याचिका के जवाब में उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में दाखिल शपथपत्र में राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
शपथपत्र में कहा गया है कि: सरकार की अड़ियल नीति के कारण दैनिक मजदूरों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। शोध कार्यों में बाधाएं आ रही हैं। सरकार ने विश्वविद्यालय में आवश्यक पदों को मंजूरी नहीं दी है। पर्याप्त निधि न मिलने से कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभ देने में कठिनाई हो रही है।
इसी कारण विश्वविद्यालय को अपनी जमीनें निजी व्यवसायों को किराए पर देने की नौबत आई है। इन आरोपों के बाद राज्य के कृषि विभाग ने विश्वविद्यालय को एक गोपनीय पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि यह शपथपत्र सरकार की छवि को धूमिल करने वाला और न्यायालय को भ्रमित करने वाला है। विभाग ने यह भी चेतावनी दी कि इससे न्यायालय की अवमानना हो सकती है। इस विवाद के चलते पहले से ही किसानों के मुद्दों पर घिरी सरकार को विपक्ष ने घेरने का मौका मिल गया है।
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‘स्वच्छ एसोसिएशन, नागपुर’ द्वारा दाखिल याचिका पर विश्वविद्यालय ने जो जानकारी दी है, उसे झूठा और भ्रामक बताया गया है। विभाग ने सवाल उठाया है कि जब सरकार हर साल वेतन, निर्माण और शोध के लिए पर्याप्त निधि उपलब्ध कराती है, तो फिर ऐसे गुमराह करने वाले बयान क्यों दिए गए?