अकोला न्यूज
Akola News In Hindi: शहर का क्षेत्रफल भले ही सीमित हो, लेकिन यहां की ट्रैफिक समस्या अब महानगरों को भी मात देने लगी है। शहर का तेजी से व्यापारीकरण और वाहन संख्या में बढ़ोतरी तो हुई, परंतु उसके अनुरूप यातायात नियोजन नहीं किया गया।
नतीजतन, उमरी रोड, डाबकी रोड, गोरक्षण रोड, शिवणी, अकोट फैल जैसे प्रमुख मार्गों पर नागरिकों को रोजाना जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। त्यौहारों के इस व्यस्त काल में समस्या और भी गंभीर हो गई है।
मंगलवार को दोपहर में टॉवर से लेकर मोठी उमरी रेलवे पुल तक दो घंटे तक वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप रही। इस दौरान रस्ते पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण पूरे मार्ग पर भारी वाहन अटक गये थे। छात्रों, कार्यालयीन कर्मचारियों और पैदल यात्रियों को भारी मनस्ताप सहन करना पड़ा।
नागरिकों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि मनपा द्वारा रास्ते के काम के दौरान कोई वैकल्पिक यातायात व्यवस्था नहीं की गई। अतिक्रमण विरोधी पथक कभी-कभी वाहन हटाता है, लेकिन इससे मूल समस्या का समाधान नहीं होता। मुख्य चौक, बाजार और स्कूल परिसर में रोजाना जाम की स्थिति बनती है। यातायात नियंत्रण विभाग कागजों पर तो सक्रिय है, लेकिन जमीनी स्तर पर उसकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
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जनसामान्य की स्पष्ट मांग है कि, प्रमुख चौराहों पर सिग्नल व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, एकमार्गी योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाए, रस्तों पर हुए अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए, स्कूल और बाजार क्षेत्रों में अलग पार्किंग व्यवस्था की जाए। शहर के बढ़ते व्यापारीकरण और वाहनसंख्या को देखते हुए यातायात व्यवस्था का पुनर्विचार अत्यावश्यक हो गया है। बिना नियोजन के विकास ही ट्रैफिक जाम की जड़ बन गया है। प्रशासन को चाहिए कि वह केवल दंडात्मक कार्रवाई पर निर्भर न रहे, बल्कि दूरदृष्टि और समन्वय पर आधारित एक प्रभावी यातायात नीति अपनाए। शहरवासियों को राहत तभी मिलेगी जब प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम उठाए जाएं और यातायात को सुचारू बनाने के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार की जाए।