माता-पिता के साथ बालक व पुलिस अधिकारी (फोटो नवभारत)
Akola Missing Boy News: महाराष्ट्र अकोला शहर से लापता हुए 14 वर्षीय बालक की तलाश में पुलिस द्वारा 21 दिनों तक चलाया गया अभियान आखिरकार सफल रहा। यह बच्चा सोलापुर जिले के पंढरपुर शहर में सुरक्षित मिला। पूरी कार्रवाई इतनी जटिल थी कि मानो किसी रहस्य फिल्म की कहानी हो।
3 दिसंबर को जिला पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक ने मीडिया की उपस्थिति में बालक को उसके माता-पिता के सुपूर्द किया। इस दौरान बालक और उसकी मां भावुक होकर रो पड़े और एक-दूसरे को गले लगाया। उपस्थित पुलिस अधिकारी और पत्रकार इस दृश्य को देखकर स्तब्ध रह गए।
11 नवंबर की शाम खदान क्षेत्र के सरकारी गोदाम परिसर में रहने वाला ऋषिकेश कनोजिया घर से बिना बताए निकल गया था। अगले दिन उसके पिता ने खदान पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। बालक नाबालिग था, मोबाइल उसके पास नहीं था, माता-पिता को किसी पर संदेह नहीं था और उसके हालिया गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी। मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस अधीक्षक चांडक ने विशेष पथक गठित किया।
खदान पुलिस द्वारा जांचे गए सीसीटीवी फुटेज में 11 नवंबर की रात 8 बजे ऋषिकेश अकोला रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 से नागपुर-कोल्हापुर एक्सप्रेस (11403) में चढ़ते हुए दिखाई दिया।
पूरे अभियान में 150 से 200 सीसीटीवी की जांच की गई, सात जिलों में 1500 किलोमीटर की यात्रा की गई और 20 से अधिक पुलिसकर्मियों ने अथक प्रयास किया। बिना किसी प्रत्यक्ष साक्ष्य, बिना मोबाइल और बिना स्पष्ट जानकारी के बालक को ढूंढना बेहद कठिन था। लेकिन 21 दिनों की मेहनत रंग लाई और बालक सुरक्षित अकोला लाकर उसके माता-पिता को सौंपा गया।
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इस अभियान में पुलिस अधीक्षक अर्चित चांडक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बी। चंद्रकांत रेड्डी, एसडीपीओ सुदर्शन पाटिल के मार्गदर्शन में एलसीबी के पुलिस अधिकारी शंकर शेलके, खदान पुलिस थाने के थानेदार मनोज केदारे, पुरुषोत्तम ठाकरे, गोपाल जाधव, विष्णु बोडखे, गिरीश वीर, संतोष गावंडे, अनिल भातखडे, अमर पवार, मंगेश खेडकर, शैलेश घुगे, भूषण मोरे, संदीप काटकर, स्वप्निल वानखडे तथा स्थानीय अपराध शाखा और विशेष दल के सभी सदस्य शामिल रहे। अकोला पुलिस की यह कुशल कार्यवाही नागरिकों के लिए विश्वास और सुरक्षा का बड़ा उदाहरण बनी।