अकोला मनपा चुनाव (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Akola Manpa Latest Update: आगामी महानगर पालिका चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इच्छुक उम्मीदवार अपनी सुविधा के अनुसार दल बदल रहे हैं। इसी क्रम में शिवसेना यूबीटी के महानगराध्यक्ष एवं पार्षद राजेश मिश्रा सहित चार पार्षदों के शिवसेना शिंदे गुट में प्रवेश से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
वहीं भाजपा, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस में भी इच्छुक उम्मीदवारों द्वारा दल बदलने की कोशीशें जारी है। भाजपा ने अभी तक स्वबलपर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। महानगर पालिका और जिला परिषद चुनाव नजदीक आते ही स्थानीय राजनीति में जोरदार हलचल शुरू हो गई है। भाजपा और शिंदे गुट के कुल नौ पूर्व पार्षद तथा चार जि.प. सदस्य वंचित बहुजन आघाड़ी की ओर रुख करने की जानकारी हैं।
इन घटनाक्रमों से भाजपा और शिंदे गुट में आंतरिक नाराजगी उभरकर सामने आई है। टिकट वितरण की अनिश्चितता और वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा उपेक्षा के कारण कई पार्षद असंतुष्ट हैं। आगामी मनपा चुनाव में यह स्थिति भाजपा और शिंदे गुट के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
वंचित बहुजन आघाड़ी की आक्रामक तैयारी देखते हुए असंतुष्ट नेताओं के लिए यह दल विकल्प बन रहा है। वीबीए से चर्चा कर रहे पार्षदों में कुछ ने पारंपरिक मतदाताओं पर मजबूत पकड़ बनाई है। उनके प्रवेश से वंचित को शहर और जिला स्तर पर ताकत मिल सकती है। विशेष रूप से बहुजन, ओबीसी और वंचित घटकों के मतों पर नए समीकरण का बड़ा असर पड़ने की संभावना है।
शहर की राजनीति में राकांपा (शरद पवार गुट) के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक शशिकांत शिंदे, वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल और अकोला महानगराध्यक्ष रफ़ीक सिद्दीकी की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें विदर्भ प्रमुख व पूर्व मंत्री अनिल देशमुख भी मौजूद थे। बैठक में राज्य स्तर पर महाविकास आघाड़ी के साथ गठबंधन की चर्चा के साथ अकोला में समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट कर मजबूत आघाड़ी बनाने पर जोर दिया गया।
यह भी पढ़ें – मनपा चुनाव में महायुति और रिपब्लिकन पार्टी एक साथ, रामदास आठवले का बड़ा ऐलान, ठाकरे बंधु बड़ी वजह
जल्द ही कांग्रेस महानगराध्यक्ष और जिला नेताओं के साथ संयुक्त बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया, ताकि भाजपा को सत्ता से दूर रखते हुए महाविकास आघाड़ी को मजबूत किया जा सके।
मनपा चुनाव की पृष्ठभूमि पर बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है। शिवसेना यूबीटी को बड़ा झटका देते हुए शहर प्रमुख (अकोला पश्चिम) और पूर्व पार्षद राजेश मिश्रा सहित पांच पार्षदों ने अपने समर्थकों के साथ नागपुर स्थित देवगिरी बंगले पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना शिंदे समूह में प्रवेश किया। इन घटनाक्रमों से अकोला की राजनीति में नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं, जो आगामी चुनावी परिणामों पर सीधा असर डाल सकते हैं।