उपमुख्यमंत्री अजित पवार (फोटो: ANI)
मुंबई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारामती से चुनाव नहीं लड़ने के संकेत दिए हैं। रविवार को बारामती शहर स्थित ‘राष्ट्रवादी भवन’ में कुछ नेता अजित की उपस्थिति में राकां (अजित पवार) में शामिल हुए। इस मौके पर अजित ने कहा कि बारामती को मेरे अलावा कोई और विधायक मिलना चाहिए। आगामी विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में उनका बयान सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बन गया है। लोग ये सवाल पूछ रहे हैं कि यदि बारामती से अजित नहीं तो कौन?
लोकसभा चुनाव में पत्नी सुनेत्रा पवार की हार से अजित पवार बेहद आहत हैं। अजित रविवार को बारामती में अपना दर्द बयां करने से खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने कहा कि यदि बारामती की जनता स्वतंत्र निर्णय ले सकती है तो मेरा भी फैसला है कि बारामती की जनता को मेरी जगह दूसरा विधायक मिलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मुझे स्पष्ट बोलनेवाले व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। बारामती शहर हो या गांव, हर जह विकास हुआ है। मेरे 1991 से 2024 तक के कार्यकाल की तुलना करें। बिना बोले सड़कें बनती जा रही हैं। पेयजल की योजनाएं चल रही हैं। इन पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। अब बारामती शहर के अलावा भी साढ़े सात सौ करोड़ रुपए की परियोजनाएं चल रही हैं।
बारामती की पहले की सड़कें भी देखी होंगी और आज की देखिए। कुछ रह गया होगा। इससे मैं सहमत हूं लेकिन उसे कैसे करना है, यह देख रहा हूं। बिना मांगे मेडिकल कॉलेज मिल गया। हम मेडिकल कॉलेज को अहिल्या देवी का नाम देने जा रहे हैं। एक आयुर्वेदिक कॉलेज बनाता है। ऐसा कहते हुए अजित ने लोगों को अपनी उपलब्धियों से अवगत कराया।
अजित ने इससे पहले शुक्रवार को गढ़चिरौली शहर में अपने मंत्री धर्मराव बाबा अत्राम की बेटी को समझाने का प्रयास करते हुए एक भावुक बयान दिया था। अत्राम के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही उनकी बेटी को संबोधित करते हुए अजित ने कहा कहा था कि समाज पारिवारिक विभाजन को कभी स्वीकार नहीं करता। मैंने यह महसूस किया है। मैंने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और अब तुम ऐसी गलती मत करना।
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एनसीपी प्रवक्ता उमेश पाटिल ने कहा कि अजित पवार ने बारामती का जो विकास किया, उसे देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। लेकिन अजित की अपील के बावजूद उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार लोकसभा चुनाव में हार गईं। इससे अजित आहत हैं और शायद इसलिए उन्होंने कहा होगा कि कोई दूसरा विधायक मिलने के बाद जनता को उनका महत्व पता चल जाएगा। उन्होंने कितना काम किया है। बारामती की जनता ने लोकसभा में भले ही सुप्रिया के साथ खड़ी थी लेकिन विधानसभा में जनता ने अजित को जिताने का मन बनाया है। बारामती विधानसभा में जनता अजित पवार के पीछे जनता जरूर खड़ी नजर आएगी।
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शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अजित पवार बारामती से ही लड़ेंगे, यह सिर्फ लोगों को मानसिक रूप से भावुक करके बरगलाने का एक प्रयास है और वह भावनात्मक खेल खेल रहे हैं। लोगों में सहानुभूति कैसे पैदा की जाए, वह यही प्रयास कर रहे हैं।
शरद पवार गुट के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि पवार साहब के जाने के बाद अजित को अब अपनी हैसियत समझ आ गई है। उन्हें शरद पवार ने पूरी पार्टी दे दी। लेकिन अजित ने इसका दुरुपयोग किया। अगर अब आपको पछतावा हो रहा है तो आपको एक बार फिर पार्टी पवार साहब को सौंप देनी चाहिए।