नीलेश लंके की 200 सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ दिल्ली कूच (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अहिल्यानगर: शिक्षा के क्षेत्र में अपना जीवन बिताने वाले और कई पीढ़ियों को आकार देने वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने के लिए सांसद नीलेश लंके 200 सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ शनिवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए। इस दौरे के दौरान, सेवानिवृत्त शिक्षक नीलेश लंके के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और शरद पवार से मिलेंगे।
सांसद नीलेश लंके के साथ अहिल्यानगर शहर के रेलवे स्टेशन पर सेवानिवृत्त शिक्षक डी.एम. थुबे, बंसी उबाले, ज्ञानदेव लंका, विनायक कोल्हे, अशोकराव बागुल, महादेव गंगरडे, सूर्यभान काले, किशोर हरदे, अशोक ढसाल, दत्तात्रय गावड़े, गजानन धवले, प्रदीप खिलारी, पोपट इथापे, नन्नावरे, बालासाहेब लागड, अशोक गायकवाड़, रावसाहेब पवार, विनीत कोल्हे, अनिल नलगे, मोहन पवार आदि सहित सभी तालुका अध्यक्ष, तालुका प्रमुख और सेवानिवृत्त शिक्षक उपस्थित थे।
सभी संसद और राष्ट्रपति भवन भी जाएंगे। सेवानिवृत्त शिक्षकों की पेंशन, वेतन विसंगतियों और चिकित्सा सुविधाओं से जुड़े मुद्दों को उठाया जाएगा। इस दिल्ली यात्रा के दौरान, लंके ने यात्रा, आवास और भोजन की बेहतरीन व्यवस्था की है। साथ ही, शिक्षकों को दिल्ली के ऐतिहासिक, धार्मिक और पर्यटन स्थलों के दर्शन का अवसर भी मिलेगा। खासकर चूंकि ज़्यादातर शिक्षक पहली बार दिल्ली जा रहे हैं, इसलिए उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है।
ये भी पढ़े: स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा एकनाथ शिंदे का नाम, शंकराचार्य ने की घोषणा
सांसद लंके ने कहा कि शिक्षक कई पीढ़ियों को आकार देने का काम कर रहे हैं। उनकी समस्याओं का समाधान करना सभी का सामाजिक दायित्व है। शिक्षक मेरे जीवन की मूल प्रेरणा हैं। मेरे पिता भी एक शिक्षक थे। मैं उनके सम्मान और उनकी न्यायोचित मांगों के लिए सदैव कार्यरत हू्ं, उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए यह एक अविस्मरणीय क्षण है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकांश शिक्षक पहली बार दिल्ली जा रहे हैं।
तो वहीं पिछली बैठक में दावा किया गया था कि जलजीवन मिशन के अंतर्गत 830 जल योजनाओं में से 210 पूरी हो चुकी हैं। अगर पूरी दिखाई गई योजनाएं अधूरी हैं, तो उप अभियंता श्रीरंग गादड़े को इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर वे योजनाएं पूरी हो जाती हैं, तो मैं सांसद पद से इस्तीफा दे दूंगा, सांसद नीलेश लंका ने खुली चुनौती दी। इस योजना में करोड़ों का घोटाला हुआ है। सांसद भाऊसाहेब वाकचौरे ने शुक्रवार को दिशा बैठक में सीधे आरोप लगाया कि इन योजनाओं को ठेकेदारों और अधिकारियों ने खा लिया।