सीपीआई (सौ. सोशल मीडिया )
Ahilyanagar News In Hindi: राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से किसानों, खेतिहर मजदूरों और ग्रामीण कारीगरों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
भाकपा के राज्य सचिव कामरेड सुभाष लांडे ने बताया कि भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए 70,000 रुपए प्रति हेक्टेयर सहायता की मांग के लिए सीपीआई और किसान सभा 9 अक्टूबर को राज्य भर में सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। पार्टी की राज्य कार्यकारिणी और जिला सचिवों की बैठक हाल ही में ऑनलाइन आयोजित की गई थी।
बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य अध्यक्ष कॉमरेड हीरालाल परदेशी ने की। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो महीनों, खासकर पिछले एक पखवाड़े में हुई भारी बारिश के कारण 27 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है, लेकिन वास्तव में 70 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि को नुकसान पहुंचा है।
खड़ी फसलें बह गई हैं। कृषि भूमि को काफी नुकसान हुआ है और देखा गया है कि पशुओं और लोगों की जान भी गई है। पंजाब जैसे छोटे राज्य ने हाल ही में आई बाढ़ से निपटने के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की आपात कालीन सहायता देने की घोषणा की है। हालांकि, देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले और क्षेत्रफल में पंजाब से बड़े महाराष्ट्र में स्थिति बिल्कुल अलग है।
बैठक में शिक्षाविद् और पर्यावरणविद सोनम वांगचुक की रासुका के तहत गिरफ्तारी की निंदा की गई। इस बीच, पाटर्टी की राज्य परिषद की बैठक 11-12 अक्टूबर को मुंबई में होगी और उसमें कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, ऐसा कामरेड सुभाष लांडे ने बताया।
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने आरोप लगाया है। है कि महाराष्ट्र के भाजपाई मुख्यमंत्री अडानी और अंबानी जैसे कॉर्पोरेट घरानों की तो दिल खोलकर मदद करते हैं। लेकिन भारी बारिश से प्रभावित किसानी के मामले में केवल 8 रुपए की सहायता की घोषणा करके वे किसानों के प्रति अपनी उदासीनता दिखा रहे है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सभी जन संगठन 9 अक्टूबर ठक प्रत्यक्ष सर्वेक्षण कर नुकसान की रिपोर्ट तैयार करेंगे, उसके बाद 9 अक्टूबर को पूरे राज्य में सड़क जाम, मार्च और विरोध प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से किसानों को 70,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की तत्काल सहायता देने की मांग की जाएगी, साथ ही बागों, घरों, जानवरों की मौत और सहायक उद्योगों को हुए नुकसान के लिए भी मुआवजा देने की मांग की जाएगी।