किसानों को दिन में बिजली (pic credit; social media)
Electricity to Farmers: केंद्र और राज्य सरकार की ‘कुसुम घटक बी’ सौर कृषि पंप योजना अब तेजी से किसानों को लाभ पहुंचाने जा रही है। इस योजना को वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बिजली दरें लगाई गई हैं। औद्योगिक और वाणिज्यिक ग्राहकों की बिजली बिक्री कर में 9.90 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। इससे प्रभावित औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं में असंतोष का माहौल है।
वर्तमान में औद्योगिक और वाणिज्यिक ग्राहकों पर कुल अतिरिक्त बिजली कर 20.24 पैसे प्रति यूनिट हो गया है। उद्योगपतियों का कहना है कि महाराष्ट्र में औद्योगिक बिजली दरें पहले से ही अन्य राज्यों की तुलना में अधिक हैं, इस वृद्धि के बाद उनकी लागत और बढ़ जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि घरेलू उपभोक्ताओं पर इस वृद्धि का कोई असर नहीं पड़ेगा।
कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि पंप किसानों को दिन में सिंचाई की सुविधा देंगे। इसके लिए सरकार 60 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करती है, जबकि 30 प्रतिशत बैंक ऋण के रूप में लिया जा सकता है और किसानों को केवल 10 प्रतिशत खर्च वहन करना पड़ता है। इससे किसान ग्रिड पर निर्भरता कम करेंगे और रात में सिंचाई के लिए खतरे का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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नासिक में लगभग 73 हजार औद्योगिक और वाणिज्यिक ग्राहक इस नई दर से प्रभावित होंगे, जबकि 10 लाख 53 हजार घरेलू उपभोक्ता इससे सुरक्षित रहेंगे। प्रभावित औद्योगिक क्षेत्र मुख्य रूप से नाशिक, सिन्नर, दिदीरी, मालेगांव, देवला, पेट, गोदे और इगतपुरी हैं।
पंजाब और महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है और उद्योगों पर क्रॉस-सब्सिडी का बोझ कम करना है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह वृद्धि औद्योगिक निवेश को प्रभावित कर सकती है, इसलिए आगे ध्यानपूर्वक समीक्षा की जाएगी।
कुसुम घटक बी योजना से न केवल किसानों की सिंचाई सुविधा बढ़ेगी बल्कि उनकी आय और सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। दिन में सिंचाई से किसानों को जंगली जानवरों के खतरे से सुरक्षा मिलेगी और सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप उनके लिए दीर्घकालिक समाधान साबित होंगे।