मोबाइल फॉरेंसिक वैन (सौजन्य-नवभारत)
Gadchiroli News: गड़चिरोली जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 कानून अनुसार 7 अथवा इससे अधिक सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक/न्याय वैद्यकीय सबूत का उपयोग अनिवार्य किया गया है। इस सुधार के एक प्रमुख हिस्से के रूप में राज्य सरकार की नीति अनुसार महासंचालक (न्याय व तांत्रिक) द्वारा ‘मोबाइल फोरेंसिक वैन’ की उपलब्धता गड़चिरोली जिले के लिए की गई है।
जिले के अपराधों की जांच में विभाग को तांत्रिक मजबूती देने और दिन-ब-दिन बढ़ रहे विभिन्न अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए गड़चिरोली जिला पुलिस दल में अत्याधुनिक ‘मोबाइल फोरेंसिक वैन’ उपलब्ध हो गयी है। मंगलवार को जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के हाथों ‘मोबाइल फोरेंसिक वैन’ अनावरण जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किया गया। वहीं आने वाले समय में जिले में प्रत्येक उपविभाग के लिए मोबाइल फोरेंसिक वैन उपलब्ध कराई जाएगी।
इस अत्याधुनिक वैन से मामलों की जांच अधिक तेजी से, अचूक और प्रभावी रूप से होगी। वैन में अत्याधुनिक फोरेंसिक उपकरण होकर अपराध के जगह पर ही प्राथमिक सबूत संकलित करने, विश्लेषण करने और तत्काल रिपोर्ट तैयार करना संभव होगा। जिससे जांच प्रक्रिया में समय की बचत होकर वैज्ञानिक जांच में अधिक पारदर्शकता व विश्वासार्हता आएगी।
वहीं यह एकत्र प्रणाली होकर इसमें सुसज्ज मोबाइल फोरेंसिक वैन, फोरेंसिक किट्स और क्राइम सीन एप्लिकेशन का समावेश है। इसमें डिजिटल फोरेंसिक, डीएनए सैम्पलिंग, फोटोग्राफी, वीडियो रिकॉर्डिंग और क्राइम सीन मैपिंग जैसे अत्याधुनिक सुविधा है। विशेषतः साइबर अपराध, हत्या, दुर्घटना और अन्य गंभीर मामलों के जांच में वैन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस समय अपर पुलिस अधीक्षक सत्य साईं कार्तिक, अपर पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) गोकुल राज समेत एलसीबी के पुलिस निरीक्षक अरुण फेगडे, महिला पुलिस उपनिरीक्षक नेहा हांडे और अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
जब मामला दर्ज किया जाता है, तब नियंत्रण कक्ष फोरेंसिक पथक को सुचित करेगा। फोरेंसिक पथक घटनास्थल को भेंट देकर मामले की जानकारी दर्ज कर क्राइम सीन एप्लिकेशन में अपडेट करेंगे। फोरेंसिक विशेषज्ञ अपराध के जगह पर फोटो और वीडियो के माध्यम से दस्तवेजीकरण करेंगे। इसके बाद क्राइम सीन रिपोर्ट तैयार कर पुलिस जांच अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
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“फोरेंसिक विज्ञान का उपयोग कर जांच प्रणाली को अधिक मजबूत और पारदर्शक बनाना इस उपक्रम का मुख्य लक्ष्य है। इस मोबाइल फोरेंसिक वैन के माध्यम से जांच कार्यक्षमता में वृध्दि होगी। वहीं मामला उजागर करने में फोरेंसिक सहायता पहुंचाने, सबूत जमा करने और विश्लेषण करने के लिए वैन उपयुक्त साबित होगी।