
लगातार बारिश से अंगूर के बाग बर्बाद (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ahilyanagar District: अम्बेगांव तालुका के कलंब को ‘अंगूरों का घर’ कहा जाता है। हालांकि, इस साल मई-जून से लगातार हो रही बारिश ने यहां के अंगूर उत्पादन पर गहरा असर डाला है। इससे कई अंगूर के बागों को नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
बारिश के कारण फल सड़न, पपड़ी और रोग बढ़ने से कलंब, चांदोली बी., नागापुर, पारगांव और घोडेगांव क्षेत्रों के अंगूर के बागों में उत्पादन में भारी गिरावट आई है। इसे देखते हुए, जिला कलेक्टर कार्यालय और राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र की टीम द्वारा तालुका-स्तरीय पंचनामा तैयार किया गया है। यह सर्वेक्षण डॉ. सहदेव रामटेके के मार्गदर्शन में किया गया।
किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है क्योंकि छंटाई और कटाई की लागत लगभग 3 से 4 लाख रुपये प्रति एकड़ है। उत्पादन में गिरावट के कारण कई किसानों का मौसम बर्बाद हो गया है, और उत्पादकों ने सरकार से तत्काल वित्तीय सहायता की घोषणा करने की मांग की है।
इस निरीक्षण के दौरान उपविभागीय कृषि अधिकारी सतीश शिरसाठ, तालुका कृषि अधिकारी सिद्धेश धावले, उपकृषि अधिकारी नमिता राशिनकर, पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रमोद कनाडे, कलंब अंगूर उत्पादक संघ के अध्यक्ष दिलीप वरहदी, नीलेश कनाडे, राजेंद्र कनाडे, अविनाश थोरात, नवनाथ कनाडे, महेश कनाडे, महेंद्रनाथ कनाडे, तुषार थोरात, एकनाथ कनाडे आदि उपस्थित थे।
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कलंब के किसान अनिल कनाडे ने कहा कि लगातार बारिश के कारण हमारे अंगूर के बाग पूरी तरह से नष्ट हो गए। गुच्छे तैयार होने से पहले ही फसल सड़ गई। खर्चा बर्बाद हो गया और आमदनी शून्य रही। सरकार को हमें तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए।






