मुरकुटे और सासाने समूह के एक-एक निदेशक शामिल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अहिल्यानगर : श्रीरामपुर मार्केट कमेटी के 9 संचालकों ने जिला उप पंजीयक गणेश पुरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। संचालक मंडल अल्पमत में होने के कारण इस्तीफा देने वाले विखे समूह के संचालकों ने मार्केट कमेटी पर प्रशासक नियुक्त करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे सुशासन का अभाव है। इस्तीफा देने वाले सदस्यों में विखे समूह के 7, मुरकुटे और सासाने समूह के एक-एक सदस्य शामिल हैं।
बाजार समिति के सासाने गुट के खंडेराव ढोकचौले और मुरकुटे गुट के किशोर बनसोडे के विखे गुट में शामिल होने से इन दोनों के साथ संचालक अभिषेक खंडागले, नानासाहेब पवार, गिरिधर असने, सरला बदाख, सुनील शिंदे, किशोर कालगंडे ने अपने-अपने इस्तीफे दे दिए हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व सांसद डॉ. सुजय विखे की सलाह पर सहायक संपादक कार्यालय को संचालक पद से इस्तीफा सौंप दिया गया है।
पहले भी मार्केट कमेटी को देय मार्केट फीस, सरकारी पर्यवेक्षण फीस और सर्वेयरों के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया था। साथ ही, 1 अप्रैल 2024 के बाद अपने ट्रेड लाइसेंस का नवीनीकरण न कराने के कारण उनका लाइसेंस समाप्त कर दिया गया था। इस आधार पर विखे समूह के जितेंद्र गादिया को सहायक रजिस्ट्रार ने अयोग्य घोषित कर दिया है। सत्ताधारी समूह वर्तमान में मार्केट कमेटी में “हम करेंसो”… प्रशासन चला रहा है और किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
विखे समूह के संचालकों ने बताया कि न्याय न मिलने और अवैधानिक कार्य होने के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। इसलिए उन्होंने यह भी मांग की है कि मार्केट कमेटी में प्रशासक नियुक्त किया जाए। अब सबकी नजर इस बात पर है कि सहायक रजिस्ट्रार क्या निर्णय लेते हैं।
अगला निर्देश इस बात पर निर्भर करेगा कि निदेशकों के इस्तीफे को स्वीकार करने और अनुमोदित करने का अधिकार अध्यक्ष के पास है या सहायक रजिस्ट्रार के पास है। बाजार समिति में 18 में से 10 निदेशक अब अलग हो चुके हैं। अब सासाने समूह के पास बाजार समिति में केवल 8 निदेशक रह गए हैं। इसके चलते बाजार समिति में क्या हो रहा है, इस पर सबकी नजर है।
यदि निदेशक इस्तीफा देना चाहते हैं तो उन्हें नियमानुसार अध्यक्ष या सचिव को प्रस्तुत करना होता है। अध्यक्ष को बैठक आयोजित कर इस्तीफे को मंजूरी देने का अधिकार है। कानून के अनुसार सहायक रजिस्ट्रार को इस्तीफा देना गलत है। दो तिहाई सदस्यों ने इस्तीफा नहीं दिया है, हमारे पास अभी भी 8 सदस्य हैं। इसलिए अध्यक्ष और सचिव को यह निर्णय लेने का अधिकार है कि जिन स्थानों पर निदेशक इस्तीफा दे चुके हैं, वहां चुनाव कराए जाएं या नहीं।
हालांकि सहायक रजिस्ट्रार राजनीतिक दबाव के कारण कोई भी गलत निर्णय ले रहे हैं। पिछले 2 वर्षों से गलत निर्णय लेने के लिए न्यायालय ने उन्हें चेतावनी दी है। हालांकि अब सहायक रजिस्ट्रार हमारे अधिकारों पर कुठाराघात कर रहे हैं। इसलिए अध्यक्ष सुधीर नवले ने मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखा कि वे मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराएंगे।
डॉ. सुजय विखे पाटिल ने पूर्व भाजपा तालुका अध्यक्ष दीपक पटारे, पूर्व जिला परिषद सदस्य शरद नवले को मार्केट कमेटी के संचालकों का इस्तीफा सौंपने के लिए शहर को सहायक पंजीयक कार्यालय ले जाने की जिम्मेदारी दी थी। विखे पाटिल द्वारा दी गई जिम्मेदारी को उचित मानते हुए दोनों 9 संचालकों को लेकर शहर आए और वहीं पर अपना इस्तीफा सौंप दिया।