आदित्य ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: विश्व आर्थिक मंच के ‘शिखर सम्मेलन 2025’ के उपलक्ष्य में दावोस दौरे पर गए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र में धन की बारिश करवाने में जबरदस्त सफलता मिली। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस दौरे में महाराष्ट्र के प्रति उद्यमियों में जबरदस्त उत्साह और विश्वास देखने को मिल रहा है।
महाराष्ट्र ने 54 कंपनियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए है। राज्य सरकार के अनुसार, विश्व आर्थिक मंच के दौरान 15.70 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए 61 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे संभावित रूप से 16 लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार के दावोस दौरे का मजाक उड़ाया है और कटाक्ष किया है। शुक्रवार को ठाकरे ने कहा कि दावोस में विश्व आर्थिक मंच के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने जिन 54 कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें से केवल 11 कंपनियां विदेशी हैं जबकि शेष 43 कंपनियां भारतीय हैं।
आदित्य ठाकरे ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दावोस यात्रा पर 20-25 करोड़ रुपये खर्च करने के बजाय समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के साथ-साथ राज्य और संघीय सरकारों के प्रमुखों व सामाजिक उद्यमियों के साथ बैठकें कर सकते थे।
शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि “मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि वैश्विक गठजोड़ के लिए दावोस जैसी कोई दूसरी जगह नहीं है, खासकर महाराष्ट्र जैसे औद्योगिक और प्रगतिशील राज्य के लिए।” उन्होंने यह भी कहा कि जनता को ज्ञापन समझौतों को लेकर जनसंपर्क संबंधी गतिविधियों से मूर्ख नहीं बनना चाहिए।
आदित्य ठाकरे ने बताया कि कुल मिलाकर महाराष्ट्र सरकार ने दावोस में 54 कंपनियों के साथ ज्ञापन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से 43 कंपनियां भारतीय हैं जबकि 11 विदेशी कंपनियां हैं। 43 कंपनियों में से 31 महाराष्ट्र में स्थित हैं। ठाकरे ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के कर्मचारियों और कार्यालय ने उनके कार्यक्रम को गलत तरीके से निर्धारित किया और कहीं न कहीं यह सुनिश्चित किया कि यह यात्रा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के कारण ही अटकी रहे।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने उन समझौतों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगली बार सड़क ठेकेदारों को भी दावोस ले जाया जाएगा। आदित्य ठाकरे ने दावोस में देरी से पहुंचने और जल्दी भारत वापस आने के लिए राज्य मंत्री उदय सामंत की आलोचना की। उन्होंने ने कहा कि दावोस में महाराष्ट्र मंडप के उद्घाटन के दौरान सामंत मौजूद भी नहीं थे।
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उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि दावोस जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शिंदे शामिल नहीं थे जबकि वह शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले एमएमआरडीए और सिडको कुछ समझौतों में शामिल थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)