सपा नेता अबू आजमी (pic credit; social media)
Maharashtra meat sale controversy: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने महाराष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मांस बिक्री पर प्रतिबंध के फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि लोग क्या खाएं या क्या पहनें। आजमी ने बुधवार को आईएएनएस से बातचीत में तर्क दिया कि अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिली। हर साल आजादी का जश्न मनाते हैं। ऐसे दिन पर ऐसी पाबंदियां लगाना गलत है।
अबू आजमी ने सड़क किनारे मांस बेचने वालों, कबाब बनाने वालों और छोटे व्यापारियों की आजीविका पर इस प्रतिबंध के प्रभाव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस फैसले का सीधे तौर पर किसानों और होटल व्यवसायियों पर असर होगा। सरकार जनता के दुख-दर्द से बेपरवाह है।
राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के मुद्दे की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि गहन अध्ययन और संघर्ष के जरिए ‘वोट चोरी’ का पर्दाफाश किया गया है। राहुल गांधी द्वारा शुरू किया गया आंदोलन आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने महाराष्ट्र में कांग्रेस के बड़े नेताओं की चुनावी हार पर सवाल उठाते हुए मतदाता सूची में गड़बड़ी और चुनावी घोटाले का आरोप लगाया, साथ ही वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने की मांग की।
अबू आजमी ने कहा कि जब तक वोटर लिस्ट दुरुस्त नहीं होती, हम लोगों का संघर्ष जारी रहेगा। फंड के मुद्दे पर आजमी ने बताया कि उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए 15 करोड़ रुपए की मांग की थी, जिसके बदले डिप्टी सीएम अजित पवार ने 20 करोड़ रुपए देने की बात कही थी। हालांकि, बाद में कहा गया कि सारा पैसा खर्च हो चुका है। आजमी ने अपने क्षेत्र की बदहाल स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि बच्चे सुरक्षित रूप से चल भी नहीं सकते।
साढ़े तीन साल से नगर निगम के चुनाव नहीं हुए हैं। उनके क्षेत्र को 27 करोड़ रुपए का फंड मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी तक हमारा इरादा अकेले बीएमसी चुनाव लड़ने का है। हम 150 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। जिनके साथ गठबंधन होता है, वो चीजों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। आपस में लड़ते रहते हैं और सीटों के बंटवारे को लेकर झगड़ा करते हैं। मुझे लगता है कि देश को बचाने के लिए एक साथ आकर चुनाव लड़ना चाहिए।
सभी को सम्मान के साथ बैठकर सीट बंटवारा करना चाहिए। लेकिन, हम लोग अकेले चुनाव लड़ेंगे। गुजरात हाईकोर्ट के मुस्लिम विवाह और तलाक से संबंधित फैसले पर उन्होंने कहा कि तलाक सहमति से नहीं, बल्कि संघर्ष की स्थिति में होता है। उन्होंने तलाक को एक ऐसी प्रक्रिया बताया, जिसे इस्लाम में नापसंद किया जाता है, लेकिन कभी-कभी यह मजबूरी बन जाती है। तलाक की प्रक्रिया तीन बार में पूरी होती है और जिसके बाद पति-पत्नी का साथ रहना संभव नहीं होता।
अबू आजमी ने छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के बयान को चापलूसी भरा करार देते हुए उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाए और उनके डीएनए टेस्ट कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने भारत की आजादी की लड़ाई में शहादत दी और अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी थी। मुस्लिम समुदाय हमेशा देश की रक्षा के लिए खड़ा रहता है।
(News Source-आईएएनएस)