किसानों को कर्जमाफी का इंतजार। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र में बीते कुछ सालों में हुई सियासी उठापठक और बदलती राजनीति ने राज्य का माहौल और चित्र बदलकर रख दिया है। सरकारें आईं, सरकारें गईं। सिर्फ और सिर्फ राजनीति अच्छे से हुई। नहीं हुआ वो है ‘विकास’। 7 सालों में देवेंद्र फड़नविस ने मुख्यमंत्री से मुख्यमंत्री तक का सफर तय कर लिया। लेकिन जिनके भरोसे लोग जिंदा हैं, वह किसान आज भी वही के वही हैं।
2017 में तत्कालीन युती सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकारी सम्मान योजना की घोषणा की थी जिसमें किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया था। इस योजना में 2.5 लाख रुपये तक की ऋणमाफी तथा 50 हजार तक प्रोत्साहन राशि और 2.5 लाख रुपये तक सहूलियत के अनुसार कर्ज उपलब्ध कराना था, परंतु अब तक इन योजनाओं में काम आगे नहीं बढ़ा है और किसान इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, फिर उद्धव ठाकरे, फिर एकनाथ शिंदे भी मुख्यमंत्री बने लेकिन इस योजना के पात्र 6.50 लाख किसान अब भी लाभ से वंचित हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस योजना के तहत देय 5,900 करोड़ का आंकड़ा पिछले 7 वर्षों से मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अधिकारियों तक पहुंचता है। लेकिन 7 साल से किसानों की अनदेखी से यह साफ हो रहा है कि सरकार ही नहीं, विपक्ष भी इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है।
इस योजना के तहत राज्य के 50 लाख 60 हजार पात्र किसानों का 24 हजार 737 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जाना था। इनमें से 44 लाख 4 हजार किसानों को 18 हजार 762 करोड़ रुपये की कर्जमाफी का लाभ मिला लेकिन पिछले 7 साल से 6 लाख 56 हजार किसान कर्जमाफी से वंचित हैं और कुल 5 हजार 975 करोड़ रुपये का इंतजार है।
2019 में सरकार बदल गई और कर्जमाफी पोर्टल बंद कर दिया गया। तब से लाखों किसान इस योजना के लाभ से वंचित हैं। इसके बाद से इसके लिए संघर्ष कर रहे अशोक घाटे ने लगातार इसकी पैरवी की लेकिन पोर्टल का वास्तव में क्या हुआ, सॉफ्टवेयर की गड़बड़ियां ठीक हुईं या नहीं, इस बारे में कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है। यह मामला विरोधियों के समक्ष भी उठाया गया था। कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
पिछले वर्ष नागपुर अधिवेशन में तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि त्रुटि के कारण ऋणमाफी के लाभ से वंचित साढ़े 6 लाख किसानों को ऋण माफी की राशि तुरंत दी जाएगी लेकिन यह घोषणा कागजों पर ही रह गई। अब नई सरकार आ गई। नागपुर में सत्र जारी है और इस योजना की घोषणा करने वाले देवेंद्र फडणवीस अब मुख्यमंत्री हैं। इसलिए किसानों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
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3 साल पहले इस योजना का लाभ नहीं मिलने पर पांच-छह किसान कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए सरकार को आदेश दिया था। इसके बाद भी सरकार द्वारा छह माह तक कर्जमाफी नहीं करने पर किसानों ने अवमानना याचिका दायर की थी। इसके बाद सरकार ने पांच से छह किसानों को लाभ दिया। कोर्ट ने हर पात्र किसान को लाभ देने का आदेश दिया था लेकिन अन्य किसान लाभ से वंचित हैं।
15 मार्च 2024 को सोसाइटी अध्यक्ष मनोहर लाल फफात, किसान अन्याय निवारण संघर्ष समिति अध्यक्ष अशोक घाटे, सोसाइटी संचालक गजानन मुंगसे और सहकारी रजिस्ट्रार संतोष पाटिल ने इस लंबित ऋणमाफी को लेकर सहकारिता सचिव राजेश कुमार से मुलाकात की। बैठक में हुई चर्चा में सहकारिता सचिव ने बताया कि ऑनलाइन डाटा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। यदि ऑनलाइन डाटा उपलब्ध नहीं है तो ऑफलाइन डाटा उपलब्ध कराकर ऋणमाफी की व्यवस्था की जाएगी। अब 9 महीने हो गए हैं।
किसान अन्याय संघर्ष समिति के अशोक घाटे ने कहा कि ‘हमने पिछले नागपुर सत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की घोषणा का स्वागत किया था लेकिन इस साल का शीतकालीन सत्र आ जाने के बावजूद भी कर्जमाफी नहीं हुई। यह मामला किसानों को धोखा देने वाला और उनका मजाक उड़ाने वाला है।’