सीएम फडणवीस (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र में पिछले चार दिनों से जारी मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं और बांधों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। बरसाती बाढ़ से न केवल सड़कों और गांवों में पानी भर गया है बल्कि किसानों की खड़ी फसलें भी तबाह हो गई हैं।
कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने जानकारी दी कि राज्य के 19 जिलों में 20 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में लगी सोयाबीन, मक्का, कपास, उड़द, अरहर, मूंग सहित कई फसलें बर्बाद हो गई हैं। मंत्री भरणे ने कहा कि राज्य में सर्वाधिक 7 लाख 13 हजार 857 एकड़ क्षेत्र नांदेड़ जिले में क्षतिग्रस्त हुआ है, जबकि दूसरे स्थान पर 4 लाख 11 हज़ार 392 एकड़ फसल का नुकसान वाशिम जिले में हुआ है।
कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने बताया कि नांदेड़ जिले में सर्वाधिक 7.13 लाख हेक्टेयर और वाशिम में 4.11 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। हालांकि क्षेत्रफल की तुलना में वाशिम में नुकसान ज्यादा गंभीर है। भारी बारिश ने कुल 187 तालुकों और 654 राजस्व मंडलों को प्रभावित किया है। कृषि विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, खरीफ सीजन पर इसका गहरा असर पड़ा है और 11 जिले ऐसे हैं जहां 10,000 हेक्टेयर से अधिक फसल नष्ट हुई है।
बारिश ने केवल खेतों को ही नहीं बल्कि आम लोगों की जिंदगी को भी प्रभावित किया है। कई इलाकों में जल जमाव से यातायात ठप हो गया है। बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। बाजारों में किराना सामान और दवाइयों की कमी दिखने लगी है। लोग प्रशासन से तुरंत राहत और मदद की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किसानों की हालत गंभीर है और सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चार दिनों में मदद देना संभव नहीं है, लेकिन नुकसान का पंचनामा पूरा होते ही हर प्रभावित किसान को मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी किसान को सरकार की मदद से वंचित नहीं रखा जाएगा।