जलेगा यूनियन कार्बाइड का कचरा
इंदौर : जहां एक तरफ मध्यप्रदेश के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक अपशिष्ट निपटान संयंत्र में भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 टन कचरे में से 10 टन अपशिष्ट को परीक्षण के तौर पर भस्म किए जाने की करीब 75 घंटे चली प्रक्रिया बीते सोमवार को खत्म हो गई और इस दौरान पार्टिकुलेट मैटर (पीएम), कार्बन और अलग-अलग गैसों का उत्सर्जन मानक सीमा के भीतर रहा।
वहीं आज यानी मंगलवार 4 मार्च को यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 टन कचरे में से अगले बैच के अपशिष्ट को परीक्षण के तौर पर भस्म किया जा सकता है। दरअसल भोपाल में बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 टन कचरे के निपटान की योजना के तहत फिलहाल इसे सूबे की राजधानी से करीब 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर में एक औद्योगिक अपशिष्ट निपटान संयंत्र में दो जनवरी को पहुंचाया गया था।
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वहीं मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन ने 18 फरवरी को दिए आदेश में कहा था कि सुरक्षा मानदंडों का पालन करते हुए 27 फरवरी को 10 टन कचरे का पहला परीक्षण किया जाए और इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है, तो चार मार्च को दूसरा परीक्षण और 10 मार्च को तीसरा परीक्षण किया जाए। हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि उसके सामने तीनों परीक्षणों की रिपोर्ट 27 मार्च को पेश की जाए।
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इस हाहत यूनियन कार्बाइड अपशिष्ट प्रबंधन पर इंदौर संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने कहा कि, यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट निपटान का पहला परीक्षण बीते सोमवार को पूरा हो गया है। 72 घंटों में 10 मीट्रिक टन कचरा जलाया गया है। प्रदूषण बोर्ड कचरे से निकलने वाली गैसों की निगरानी कर रहा है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम जल्द ही दूसरा परीक्षण शुरू करेंगे और पहले परीक्षण की रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी।
जानकारी दें कि, भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार कारखाने का कचरा पीथमपुर लाए जाने के बाद इस औद्योगिक क्षेत्र में कई विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने इस कचरे के निपटान से इंसानी आबादी और आबो-हवा को नुकसान की आशंका जताई है जिसे प्रदेश सरकार ने सिरे से खारिज किया है। प्रदेश सरकार का कहना है कि पीथमपुर की अपशिष्ट निपटान इकाई में यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे के सुरक्षित निपटान के पक्के इंतजाम किए गए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)