सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश पुलिस पर पत्रकारों से मारपीट के गंभीर आरोपों के बाद यह मामला देश की सबसे बड़ी अदालत तक पहुंच गया है। जब याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अर्जेंट सुनवाई की गुहार लगाई तो अदालत में उस वक्त दिलचस्प मोड़ आ गया जब एससी शर्मा ने दो टूक कह दिया “मैं भी जिद्दी हूं”। अदालत ने याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध तो कर लिया, लेकिन साथ ही वकील को साफ-साफ चेतावनी भी दे दी कि अगर मामला इस बेंच के सामने आया, तो उसका अंजाम पहले से तय होगा।
पत्रकारों ने दावा किया कि मध्य प्रदेश पुलिस ने उन्हें एक रिपोर्टिंग के सिलसिले में थाने में पीटा, जिससे डरकर वे दिल्ली भाग आए। याचिका में गिरफ्तारी की आशंका जताई गई थी। जब अदालत ने पूछा कि हाईकोर्ट क्यों नहीं गए तो जवाब मिला दिल्ली में सुरक्षा मिली हुई है। इस जवाब से नाराज अदालत ने केंद्र से सीधे सुप्रीम कोर्ट में आने पर नाराजगी जताई लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई के लिए सहमति दे दी।
सुनवाई की मांग पर हुआ कोर्ट में टकराव
पत्रकारों की ओर से पेश वकील ने कहा कि ये मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि पुलिस ने थाने के अंदर ही मारपीट की और अब झूठे केस में फंसाने की साजिश हो रही है। उन्होंने तुरंत सुनवाई की मांग की। इस पर बेंच ने सवाल उठाया कि जब हाईकोर्ट मौजूद है, तो वहां पहले क्यों नहीं गए। बार-बार आग्रह पर जब वकील अड़ गए तो कोर्ट ने भी सख्त लहजे में जवाब दिया कि अगर यह मामला इस बेंच के सामने आया तो नतीजा पहले से तय मानिए।
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जज का दो टूक जवाब मैं भी जिद्दी
वकील ने कोर्ट से सहानुभूति जताते हुए कहा कि पत्रकारों की जान को खतरा है, प्रेस क्लब भी इस हमले की निंदा कर चुका है और याचिकाकर्ता के पास कोई और विकल्प नहीं था। इसी पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या अब पूरे देश से अग्रिम जमानत की याचिकाएं सीधे सुप्रीम कोर्ट आएंगी? जब वकील ने फिर याचिका लिस्ट करने की गुहार लगाई तो जवाब आया ‘मैं भी जिद्दी हूं’, जिससे कोर्ट में माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया।