मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (फोटो- सोशल मीडिया)
Jitu Patwari on OBC Reservation: मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर आरक्षण को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाया है। पटवारी का दावा है कि भाजपा ने ओबीसी आरक्षण को रोकने के लिए सरकारी खजाने से वकीलों पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। यह आरोप ऐसे समय में आया है जब मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पटवारी पहले से ही अपने ‘महिलाओं द्वारा सबसे ज्यादा शराब पीने’ वाले बयान को लेकर सुर्खियों में हैं।
जीतू पटवारी ने यह सनसनीखेज आरोप एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाया। उन्होंने कहा कि जब कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी, तब ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए एक अध्यादेश लाया गया था। पटवारी के अनुसार, भाजपा की ‘बी टीम’ ने इस अध्यादेश के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की। इसके बाद कांग्रेस ने विधानसभा में कानून पारित कर 27 प्रतिशत आरक्षण को व्यवस्थित तरीके से लागू करने की कोशिश की, जिसे अब भाजपा रोकने का प्रयास कर रही है।
भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वकीलों को 100 करोड़ रुपए से ज्यादा फीस दी! भाजपा सरकार ने सरकारी पैसा बहाकर ओबीसी आरक्षण को रोकने का काम किया!#प्रेसवार्ता I #भोपाल. pic.twitter.com/etlmchovke
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) August 26, 2025
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण मामले में भाजपा की ओर से 110-120 बार पेशियां हुईं। इन पेशियों में सरकार की तरफ से पेश हुए वकीलों को 100 करोड़ रुपये से अधिक की फीस दी गई। उन्होंने विधानसभा में विधायक सुनील उइके द्वारा पूछे गए एक सवाल का हवाला दिया, जिसमें ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में वकीलों की फीस के बारे में जानकारी मांगी गई थी।
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पटवारी के मुताबिक, विधानसभा में मिली जानकारी से यह खुलासा हुआ है कि देश के सॉलिसिटर जनरल को एक तारीख की पेशी के लिए 25 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इस तरह, जीतू पटवारी ने दावा किया कि भाजपा ने जानबूझकर ओबीसी आरक्षण को रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए। उन्होंने कहा कि यह राशि सरकारी खजाने से खर्च की गई, जिसका इस्तेमाल जनता के कल्याण के लिए होना चाहिए था। कांग्रेस का आरोप है कि यह भाजपा की ओबीसी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या यह मुद्दा आने वाले समय में और तूल पकड़ता है।