कांग्रेस MLA ने किसानों संग रोका केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज का काफिला, फोटो- सोशल मीडिया
Shivraj Singh Chouhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के काफिले को रोक कर विरोध दर्ज कराया गया। ये विरोध खाद की कमी के लिए किया गया। विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने इस समस्या को लेकर शिवराज को काले झंडे दिखाए और किसानों की समस्याओं को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
बीते कुछ हफ्तों से प्रदेश भर से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जहां किसान खाद के लिए लंबी लाइनों में खड़े नजर आए, कहीं अपमानित हुए और कुछ स्थानों पर तो झड़पें तक देखने को मिलीं। सतना में एक किसान द्वारा बीजेपी विधायक के सामने अपमानित किए जाने की घटना ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कांग्रेस विधायक और मंत्री शिवराज सिंह के बीच खाद की उपलब्धता को लेकर खुली बहस भी हुई। यह वाकया उस समय हुआ जब शिवराज सिंह एक सरकारी कार्यक्रम के सिलसिले में सतना पहुंचे थे। कांग्रेस ने इस मौके का उपयोग किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के लिए किया और सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया।
मप्र के किसान भाइयों,
कांग्रेस विधायक श्री सिद्दार्थ कुशवाह जी एवं पूरे #सतना कांग्रेस परिवार ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज जी पर सवाल दागे!कांग्रेस की नीति स्पष्ट है,
खाद को लेकर जहां भी जिम्मेदार दिखे,
दमदारी से अपनी बात जरूर रखें!@ChouhanShivraj @DrMohanYadav51 pic.twitter.com/XpBedceY3d— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) September 11, 2025
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार खाद की किल्लत को गंभीरता से नहीं ले रही और जो किसान अपनी आवाज उठा रहे हैं, उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। इसी के विरोध में विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय कृषि मंत्री का काफिला रोककर उनसे स्थिति का संज्ञान लेने की मांग की।
विधायक कुशवाहा ने कहा कि प्रदेशभर में किसान खाद के लिए भटक रहे हैं और सरकार आरोपियों की तरह उनके साथ व्यवहार कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही किसानों पर से फर्जी मुकदमे वापस नहीं लिए गए और खाद संकट का समाधान नहीं किया गया, तो कांग्रेस व्यापक आंदोलन छेड़ेगी।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के हक के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी और सरकार के किसी भी दमनात्मक रवैये को सहन नहीं किया जाएगा। यह घटनाक्रम प्रदेश की राजनीति में तेजी से हलचल मचा रहा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राज्य और केंद्र सरकार इस बढ़ते विरोध और खाद संकट पर क्या कार्रवाई करती है।