दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने ऑन कैमरा पटवारी को सस्पेंड किया (फोटो- सोशल मीडिया)
Datia Collector Patwari suspended Viral Video: मध्य प्रदेश के दतिया में एक जनसुनवाई के दौरान उस वक्त हड़कंप मच गया जब कलेक्टर साहब का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। अक्सर शांत दिखने वाले आईएएस अधिकारी ने जब एक सरकारी कर्मचारी की लापरवाही देखी, तो वे खुद को रोक नहीं पाए। भरे दरबार में उन्होंने न केवल पटवारी को जमकर फटकार लगाई, बल्कि ऑन द स्पॉट सस्पेंड करने का फरमान भी सुना दिया। कलेक्टर के इस सख्त तेवर को देख वहां मौजूद बाकी अधिकारियों और कर्मचारियों की भी बोलती बंद हो गई।
दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े इन दिनों अपने कड़े फैसलों और काम के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर चर्चा में हैं। बुधवार को वे बसई इलाके में लोगों की समस्याएं सुनने के लिए पहुंचे थे। इसी शिविर के दौरान ग्रामीणों ने पटवारी शैलेंद्र शर्मा की शिकायत कर दी। लोगों का आरोप था कि पटवारी आम जनता की सुनवाई करने के बजाय नेताओं के दबाव में काम करते हैं। हद तो तब हो गई जब एक सार्वजनिक नाली के मामले में पटवारी ने कलेक्टर को ही गलत जानकारी देने की कोशिश की।
दतिया के कलेक्टर ने बिलकुल सोशल मीडिया के अनुसार फैसला लेते हुए ऑन कैमरा तथाकथित नेताओं के लिए काम करने वाले पटवारी को तत्काल सस्पेंड करने की बात की! हो सकता साहब का नेताओं से लेना देना न हो, या फिर पटवारी उस लेवल तक कैसे पहुंचा।#datiacollector #viralvideo #viral #MPNews pic.twitter.com/iqQPWO2RmT — Sourabh Sharma (@SourabhPaliya) December 17, 2025
मौके पर मौजूद पुलिसवाले और स्थानीय लोग साफ बता रहे थे कि वहां नाली मौजूद थी, लेकिन पटवारी लगातार झूठ बोल रहे थे कि वहां कोई नाली नहीं है। बस यही झूठ कलेक्टर को नागवार गुजरा। उन्होंने सबके सामने पटवारी को लताड़ लगाते हुए कहा कि जब पुलिस और पब्लिक सब कह रहे हैं कि नाली थी, तो तुम झूठ क्यों बोल रहे हो। उन्होंने पटवारी को खरी-खरी सुनाते हुए याद दिलाया कि सरकारी मुलाजिम नेताओं के लिए नहीं, बल्कि जनता के लिए काम करते हैं और जनता का काम ही प्राथमिकता होनी चाहिए।
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कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने तुरंत अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह आदमी अब नौकरी में नहीं रहेगा, इसे तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करो। उन्होंने सख्त लहजे में हिदायत दी कि अब जो भी नया पटवारी यहां आएगा, वो समझदार होना चाहिए। वो ऐसा हो जो जनता का काम करे, न कि नेताओं की परिक्रमा। इसके अलावा गौशाला निरीक्षण में गड़बड़ी मिलने पर उन्होंने एक सीनियर वेटनरी डॉक्टर को भी नोटिस थमाया है। डीएम की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से पूरे जिले के सरकारी अमले में खलबली मची हुई है और संदेश साफ है कि काम में कोताही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।