
क्यों जरूरी है प्री मैरिज काउंसलिंग सौ.सोशल मीडिया)
Pre Marriage Counseling In India: हिंदू धर्म में विवाह एक पवित्र संस्कार माना जाता है, जो न केवल दो लोगों को जोड़ता है बल्कि परिवार, समाज और आध्यात्मिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। विवाह को दो आत्माओं का मिलन माना जाता है जो एक साथ मिलकर जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं और वंश परंपरा को आगे बढ़ाते है।
लेकिन, मौजूदा दौर में शादी के बाद तलाक और सेपरेशन के मामले तेजी से बढ़े हैं, ऐसे में प्री-मैरिज काउंसलिंग यानी शादी से पहले सलाह लेना आज के वक्त में बेहद जरूरी हो गया है। ये न सिर्फ फ्यूचर को एक-दूसरे को बेहतर समझने में मदद करता है, बल्कि उनके रिश्ते को मजबूत और लॉन्ग टर्म बनाने में भी अहम रोल अदा करता है।
इससे तलाक और सेपरेशन के मामले भी कम हो सकते है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत में शादी से पहले काउंसलिंग क्यों जरूरी है और इसके क्या फायदे हो सकते हैं?
शादी से पहले हर कपल के लिए क्यों जरूरी है प्री मैरिज काउंसलिंग
एक-दूसरे को समझना
एक्सपर्ट्स के अनुसार,शादी से पहले हर कपल के लिए प्री मैरिज काउंसलिंग कराना मौजूदा समय के लिए बेहद जरूर हो गया है। आपको बता दें, प्री-मैरिटल काउंसलिंग कपल को एक-दूसरे की पसंद, नापसंद, वैल्यूज और एक्सपेक्टेशन को समझने का मौका देती है। आपको बता दें, भारत में अरेंज मैरिज आज भी पॉपुलर है, जहां दूल्हा-दुल्हन को शादी से पहले एक-दूसरे को जानने का ज्यादा वक्त नहीं मिलता।
ऐसे में प्री मैरिज काउंसलिंग सेशन में वो खुलकर बात कर सकते हैं, जिससे उनके बीच भरोसा और समझ बढ़ती है।
जिंदगीभर के रिश्ते की नींव
काउंसलिंग कपल्स को एक सेहतमंद और खुशहाल शादीशुदा जिंदगी की नींव रखने में मदद करती है। भारत में जहां काफी ज्यादा अरेंज मैरिज होते हैं, जहां दूल्हा-दुल्हन को शादी से पहले एक-दूसरे को जानने का ज्यादा मौका नहीं मिलता, ऐसे में काउंसलिंग भरोसा और समझदारी बढ़ती है।
आपसी मसले को सुलझाने की कला
हर रिश्ते में छोटे-मोटे नोक झोंक यानी विवाद होना लाजमी है। काउंसलिंग के दौरान जोड़े कम्यूनिकेशन स्किल और मसले सुलझाने की तकनीक सीखते हैं। इससे वो भविष्य में टेंशन वाले हालात को शांति और समझदारी से संभाल सकते हैं।
मैरिज एक्सपेक्टेशंस को साफ-साफ कहना
प्री मैरिज काउंसलिंग सेशन में इंसान अपनी बात को खुल कर बोल सकता हैं। क्योंकि हर इंसान को शादी से कुछ एक्सपेक्टेशंस होते हैं, जैसे परिवार की जिम्मेदारियां, करियर, फाइनेंशियल मैनेजमेंट या बच्चों की परवरिश वगैरह। काउंसलिंग इन अपेक्षाओं को साफ तौर से बताने में मदद करती है, ताकि फ्यूचर में गलतफहमियां न हों। ये कपल को एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाने के लिए तैयार करता है।
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मेंटल और इमोशनल तैयार
एक्सपर्ट्स बताते है कि, शादी एक बड़ा लाइफ चेंजिंग डिसीजन है, जो कई बार तनाव का कारण बन सकता है। काउंसलिंग के जरिये कलपल्स को इस बदलाव के लिए मेंटल और इमोशनल तौर से तैयार किया जाता है। अगर कोई इंसान शादी के लिए तन, मन और धन से तैयार न हो, तो आगे चलकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।






