पौष पूर्णिमा
-सीमा कुमारी
ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा यानी ज्येष्ठ पूर्णिता (Jyeshtha Purnima) इस साल 14 जून दिन मंगलवार को है। यह दिन बहुत ही शुभ है। क्योंकि, इसी दिन अखंड सौभाग्य का प्रतीक ‘वट पूर्णिमा, का पावन व्रत भी है। ऐसे में यह दिन हिन्दू भक्तों के लिए बहुत ही शुभ बताया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत रखते हैं और सत्यनारायण भगवान की कथा और पूजा करते हैं, जिससे परिवार में सुख, शांति और उन्नति होती है।
ऐसी मान्यता है कि पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन-वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही, चंद्र की पूजा से चंद्र दोष से छुटकारा भी मिलता है। आइए जानें ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय के समय के बारे में-
पंचाग के अनुसार 13 जून सोमवार रात 9 बजकर 02 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का आरंभ होगा और 14 जून मंगलवार शाम 5 बजकर 21 मिनट पर इसका समापन होगा. किसी भी व्रत और पूजा के लिए तिथि की उदयातिथि देखी जाती है। ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 14 जून को रखा जाएगा।
बता दें कि इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर साध्य और शुभ योग बन रहा है। साध्य योग सुबह 9 बजकर 40 मिनट तक है और फिर शुभ योग लग जाएगा। वहीं, सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक शुभ समय है। बता दें कि ज्योतिष अनुसार पूर्णिमा व्रत की पूजा प्रातः काल में की जाती है और रात के समय चंद्रमा की पूजा की जाती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रात में चंद्रोदय समय शाम 07 बजकर 29 मिनट पर होगा. इस दिन चंद्रोदय के बाद विधि-विधान से चंद्र देव की पूजा की परंपरा है। चंद्र पूजन के दौरान जल में दूध, शक्कर, फूल और अक्षत मिलाकर चंद्र देव को अर्पित करें. ऐसा करने से व्यक्ति के कुंडली से जुड़े दोषों से छुटकारा मिलता है।
पूर्णिमा के दिन अगर आप आर्थिक संकट से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति चाहते हैं, तो रात में मां लक्ष्मी से जुड़े उपाय कर लें। इस दिन रात के समय मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने से व्यक्ति के आर्थिक उन्नति के रास्ते खुलते हैं और वे प्रगति करता जाता है।