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सीमा कुमारी
नई दिल्ली: ‘श्रीकृष्ण जन्मोत्सव’ का महापर्व इस साल 6 सितंबर, बुधवार को है। ‘जन्माष्टमी’ (Janmashtami)के आगमन से पहले ही उसकी तैयारियां जोर-शोर से आरंभ हो जाती हैं और पूरे भारत वर्ष में जन्माष्टमी का पर्व पूरी आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
ज्योतिषियों के अनुसार, नंद लाला की प्रिय वस्तु यानी बांसुरी हैं। मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी पर बांसुरी भेंट करने से वो बहुत प्रसन्न होते हैं। वास्तु शास्त्रों के नियमों के हिसाब से घर में बांसुरी रखने से कई सारे लाभ मिलते हैं, लेकिन बांसुरी कैसी होनी चाहिए और घर की किस दिशा में रखनी चाहिए, ये जानना बेहद जरूरी है वरना बहुत नुकसान हो सकता है। आइए जानें इस बारे में-
ज्योतिष गुरु के अनुसार, ज्यादातर बांसुरी बांस से बनी होती है क्योंकि बांस के पौधे को दिव्य माना जाता है। लेकिन, जिन के पास लकड़ी की बांसुरी होती है उनके ऊपर श्रीकृष्ण की कृपा सदैव बनी रहती है। नया व्यापार शुरू करना है, तो अलमारी में लकड़ी की बांसुरी रखनी चाहिए।
कहते हैं, घर में चंदन की लकड़ी की बांसुरी रखना बहुत शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सुख, शांति और खुशियां बनी रहती है। अगर शिक्षा, व्यवसाय या नौकरी में बाधाएं आ रही हैं तो घर के पूर्व या उत्तर दिशा में सोने या पीतल की बांसुरी रखें। वहीं, दुकान या व्यापारिक संस्थान में चांदी की बांसुरी रखने से व्यापार में वृद्धि और धन लाभ होता है।
वास्तु शास्त्रों की मानें तो, बांसुरी को पूजा घर में रखने से आर्थिक समस्या से छुटकारा मिल सकता है। गंभीर या लंबी बीमारियों से बचने के लिए सोने की बांसुरी रखना चाहिए।
बांसुरी को कमरे के दरवाजे के ऊपर या सिरहाने रखने से परिवार के सदस्य हमेशा स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा, संतान प्राप्ति हेतु बेडरूम में हरी बांसुरी रखें, जो किसी को दिखाई न दें। मनचाहे साथी से शादी के लिए तकिये के नीचे लाल बांसुरी रखना शुभ हो सकता है।