विनायक चतुर्थी 2024 (फाइल फोटो)
सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल टीम: रिद्धि-सिद्धि, बुद्धि के दाता भगवान गणेश को समर्पित ‘विनायक चतुर्थी'(Vinayak Chaturthi) हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। तदनुसार, मार्गशीर्ष माह में आने वाली ‘विनायक चतुर्थी ‘(Margashirsha Vinayak Chaturthi 2023) 16 दिसंबर 2023, शनिवार को है। ये साल 2023 की आखिरी विनायक चतुर्थी होगी। इस दिन धनु संक्रांति भी है। ऐसे में यह बहुत खास मानी जा रहा है। भक्तों पर गणपति की विशेष कृपा बरसेगी।
धार्मिक मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से आय और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अतः साधक विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। आइए पूजा का शुभ मुहूर्त, तिथि और पूजा विधि जानें-
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 15 दिसंबर 2023 को रात 10 बजकर 30 मिनट से हो रही है। अगले दिन 16 दिसंबर 2023 को रात 8 बजे इस तिथि का समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 16 दिसंबर 2023 विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।
सुबह 11 बजकर 14 मिनट से दोपहर 13 बजकर 18 मिनट तक तिथि
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र पहन लें और गणेश जी के सामने प्रार्थना करते हुए पूजन का संकल्प लें।
गणेश जी की मूर्ति एक चौकी पर स्थापित करें और उनका जलाभिषेक करें।
भगवान गणेश को चंदन का तिलक लगाएं, वस्त्र, कुमकुम, धूप, दीप, लाल फूल अक्षत, पान, सुपारी आदि अर्पित करें।
कहा जाता है कि गणेश जी को मोदक और दूर्वा घास बेहद पसंद है।
ऐसे में उनकी कृपा पाने के लिए विनायक चतुर्थी के दिन मोदक या लड्डू का भोग जरूर लगाएं और दूर्वा जरूर चढ़ाएं।
गणेश की पूजा करने से हमेशा हर चीज सिद्ध हो जाती है और अमृत वर्षा होती है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान से अपनी किसी भी मनोकामना की पूर्ति के आशीर्वाद को वरद कहते है। जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते है। कहा जाता है कि जिस मनुष्य के पास यह गुण हैं वह जीवन में बहुत उन्नति करता है और मनोवांछित फल पाता है।