गणेश उत्सव पर मूर्तिकारों द्वारा बनाई गईं मूर्तियां (फोटो सोर्स-सोशल मीडिया)
Ganesh Utsav In Prayagraj: देशभर में गणेश महोत्सव मनाने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी भगवान गणपति अब जोरों-शोरों से बिठाए जाते हैं। इस बार आने वाली 27 तारीख को यह पावन पर्व मनाया जाएगा। इसको लेकर शहर में तैयारियां चल रही हैं। मूर्तिकार मूर्तियां बनाने में पूरी तरह व्यस्त हैं। उन्होंने भगवान की मूर्ति को अंतिम रूप दे दिया है।
मूर्तियों पर रंग-रोगन चढ़ाने का काम लगतार किया जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव को लेकर पूरे शहर में उत्साह का जबरदस्त माहौल है।
कुछ ऐसे बनती है भगवान गणेश की मूर्ति
मूर्तिकारों के अनुसार, कई महीने की कड़ी मेहनत करके मूर्ति को तैयार किया जाता है। एक मूर्ति को बनाने में कम से कम एक से दो महीने का समय लग जाता है। पहले उसका ढांचा तैयार किया जाता है, फिर मिट्टी की परत चढ़ाई जाती है। जब भगवान के स्वरूप की बारीकी तय हो जाती है, तब रंग-रोगन के साथ प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जाता है। मूर्तिकारों की टीम की कोशिश यही होती है कि जब लोग मूर्ति को देखें, तो उन्हें यह महसूस हो कि वे वास्तव में भगवान गणेश के दर्शन कर रहे हैं।
बंगाल के कारीगर दे रहे विशेष योगदान
इस साल प्रयागराज में गणेश महोत्सव पर मूर्ति निर्माण बंगाल से आए कारीगर कर रहे हैं। सुब्रतो बनर्जी जैसे कलाकार मई–जून से ही मूर्ति निर्माण का काम शुरू कर चुके हैं। इस वर्ष बंगाल के मूर्तिकारों का प्रयागराज प्रदेश में गणेश महोत्सव को भव्य रूप देने में बड़ा योगदान है। साथ ही मूर्तियों को सूक्ष्मता से आकार देने और रंग-रूप भरने में उनपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि महोत्सव में आए भक्त मूर्ति देख मंत्र-मुग्ध हो जाएं।
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मूर्तियों की बढ़ रही मांग
एक मूर्तिकार के अनुसार मूर्तियों की डिमांड लगातार बढ़ रही है, रोजाना लोग बुकिंग के लिए आ रहे हैं। यहां पर 50 हजार से लेकर लाखों रुपए कीमत की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। यहां पर 11 फुट तक की मूर्तियां बनाई जा रही हैं।
(एजेंसी इनपुट)