दोस्ती पर चाणक्य नीति (सौ.सोशल मीडिाया)
आज दुनियाभर में मित्रता दिवस यानि फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है परिवार के बाद सबसे खूबसूरत रिश्ते में से एक होता है। इस रिश्ते में माता-पिता से जो किस्से या दर्द हम आसानी से शेयर नहीं कर पाते है वहीं पर अपने सच्चे दोस्त से शेयर करने से मन हल्का हो जाता है।
इतना ही नहीं दोस्त हम उम्र होता हैं तो अपनी बात को समझ पाता है लेकिन कई मामलों में दोस्त बनाने के दौरान हमें सावधानी बरतना भी जरूरी है नहीं तो नुकसान पहुंचता है। इसे लेकर आज हम आपको चाणक्य की कुछ खास बातों के बारे में बता रहे हैं जो आपको दोस्त बनाने में मदद करेगी।
जीवन में एक सच्चा मित्र होना बेहद जरूरी हैं क्योंकि दोस्त वह सारथी के रूप में होता है जो आपको जीवन में आगे बढ़ने, खुश रहने और आपका सुख-दुख बांटने के लिए हमेशा साथ देता है। सच्चा मित्र, जीवन की डगर में सच्चा सारथी होता है।
आप यहां पर आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के अनुसार दोस्ती से जुड़़ी खास बातों को जान सकते हैं जो जरूरी होती है..
1- नीतिशास्त्र के अनुसार, दोस्ती के रिश्ते में अपने दोस्त पर विश्वास करना जरूरी है लेकिन अंधा विश्वास करना नहीं क्योंकि कई गलत दोस्त आपका भरोसा जीतकर आपको नुकसान पहुंचाने का काम करते है।
2- दोस्त के साथ आपकी दोस्ती घनिष्ठ होनी अच्छी बात है लेकिन कई मामलों में अगर आपका दोस्त कोई बुरा काम कर रहा हैं जो समाज के लिए सही नहीं है तो आप उसका बिल्कुल साथ नहीं दें।
3- बुरे वक्त में खड़ा आपका दोस्त ही सच्चा और अच्छा दोस्त होता है। कई बार कुछ दोस्त ऐसे होते हैं कि, आपको मुसीबत आई कि नहीं बस किनारा कर लेते है। लेकिन जब उन्हें जरूरत होती हैं तो मदद मांगते रहते हैं इनका साथ आपको नहीं देना चाहिए।
4-ख्याल रखें कि, दोस्त बनाने से पहले आपको उसके बारे में थोड़ी जांच पड़ताल जरूर कर लेनी चाहिए. ऐसा न हो कि आप किसी बुरे व्यक्ति को अपना दोस्त बना लें और बाद वह आपके लिए दोस्त नहीं बल्कि मुसीबत का कारण बन जाए।