सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल टीम: दिवाली (Diwali 2023) सिर्फ हर्ष और उल्लास का एक त्यौहार नहीं बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस साल 12 नवंबर को दिवाली का महापर्व पूरे देशभर में मनाई जाएगी। दिवाली की रात लक्ष्मी-गणेश की पूजा का बहुत महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप दिवाली के दिन विधि-विधान से पूजा करते हैं, तो धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के दाता गणेश जी आपसे प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाएंगे।
दिवाली पर शुभ मुहूर्त में पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। दिवाली पूजा में जरूरी है कि पूजा की सारी सामग्री मौजूद हो। दिवाली पूजा के दौरान गलतियों से बचने के लिए पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट पहले से तैयार कर लें। आइए जानें दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के दौरान उपयोग की जाने वाली सामग्री की लिस्ट लेकर आए हैं।
लकड़ी की चौकी
एक लाल कपड़ा
एक लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
कुमकुम
हल्दी की गांठ
रोली
सुपारी
पान
लौंग
अगरबत्ती
धूपबत्ती
दीपक
घी
गंगा जल
पंचामृत
फूल
फल
कपूर
गेहूं
दूर्वा
जनेऊ
खील बताशे
चांदी के सिक्के और कलावा आदि होना चाहिए।
दिवाली पर प्रदोष काल शाम 5.29 बजे से 8.08 बजे तक, वृषभ काल शाम 5.39 बजे से 7.35 बजे तक और निशिता मुहूर्त रात 11.39 बजे से 12.32 बजे तक है। दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करना फलदायी होता है।
दिवाली की सफाई के बाद घर के हर कोने को साफ करें और गंगा जल का छिड़काव करें। एक लकड़ी की चौकी पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं और बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें।
अनाज के बीच में कलश रखें। कलश को जल से भरें और उसमें एक सुपारी, एक गेंदे का फूल, एक सिक्का और चावल के कुछ दाने डालें। कलश पर गोलाकार आकार में 5 आम के पत्ते रखें।
कलश के मध्य में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें। एक छोटी सी थाली में चावल के दानों का छोटा सा पर्वत बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें।