सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल टीम: ‘करमा पर्व’ झारखंड के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व हर साल भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, इस साल ‘करमा पर्व’ आज यानी 25 सितंबर, सोमवार को मनाया जा रहा है। यह पर्व सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल, असम, आदि राज्यों में बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
भारतीय संस्कृति में यह एक परंपरागत त्योहार है, जिसे भाई-बहन के प्यार और उनकी सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। इस पूजा में विभिन्न पारंपरिक रीतियां होती हैं, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस पर्व पर अच्छे कर्म की महत्व को बढ़ावा देने वाली पौराणिक कथाओं को सुनने की मान्यता है। आइए जानें कब है, करमा और इस बार क्या शुभ योग बन रहा है।
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल के अनुसार, करमा पूजा इस साल 25 सितंबर को मनाई जा रही है। वही, करमा पूजा के दिन अहले सुबह 4 बजे के बाद व्रत का पालन शुरू कर दे वही प्रदोष काल में 5 बजकर 32 मिनट के बाद शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो जाती है जो पूरा रातभर है। वहीं अगले दिन सूर्योदय के बाद करमा पूजा का पारण दही खा कर ले।
करमा पूजा के कुछ दिन पूर्व नदी या तालाब मे बालू या मिटी डाली मे रखती है फिर उसमे सात प्रकार के अनाज बोती है। वही करमा पूजा के दिन बांस की बनी डाली को सजाकर घर के आंगन के बीच मे रखा जाता है। इसके साथ ही करम वृक्ष के पेड़ को भी घर के आँगन मे गाड़ा जाता है ओर उसके चारो तरफ घर की महिलाए बैठकर पूजा आराधना करती है ओर अपने भाई की सुख समृद्धि की कामना करती है। करमा पर्व में रात भर जागरण का भी परम्परा है।
Happy Karma Puja all brothers & sisters jharkhand. All Indians citizens. @jharkhand pic.twitter.com/5xkP7Hgm8J
— Rohit Rastrayogi (@RohitKumar72095) September 25, 2023
‘करमा पर्व’ (Karma Puja) झारखंड का एक लोकप्रिय पर्व है और वहां के लोग पूरे साल इस पर्व का काफी बेसब्री से इंतजार करते है। जिस तरह रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। ठीक उसी प्रकार करमा पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है। इस दिन बहनें पूरे दिन व्रत कर करमा देवता की पूजा करती है और उनसे अपनी भाई की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि का वरदान मांगती है।