
विश्व दिव्यांग दिवस 2025 (सौ.सोशल मीडिया)
International Day of Persons with Disabilities 2025: आज यानि 3 दिसंबर को दुनियाभर में हर साल की तरह अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग व्यक्ति दिवस 2025 मनाया जा रहा है। यह दिन दिव्यांगजनों के अधिकारों और देश में सभी की तरह सम्मान देने का खास अवसर है। इस दुनिया में हर कोई व्यक्ति एक जैसे नहीं है परफेक्ट नहीं है।
किसी के शरीर का एक अंग काम नहीं करने से वह कोई मजाक या उपेक्षा का पात्र नहीं बन सकता है। उस व्यक्ति को विशेष स्थान और अधिकार मिले यह देश का कर्तव्य होना चाहिए। इस दिव्यांग दिवस पर हम जानेंगे कि, ऐसे कौन से अधिकार है जो हर दिव्यांग व्यक्ति को मिलने चाहिए। वही पर दिव्यांग शब्द मिलने की कहानी भी।
इस खास दिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर मनाता है। हर साल इस दिन की थीम बदलती रहती है। इसलिए इस साल 2025 की थीम की बात करें तो,“Fostering disability-inclusive societies for advancing social progress” यानी “विकलांग समावेशी समाजों को आगे बढ़ाना ताकि सामाजिक प्रगति संभव हो सके।” देश का उद्देश्य ऐसा होना चाहिए कि, वह दिव्यांग व्यक्ति के अधिकारों का हनन ना करें बल्कि उनके अधिकारों से अवगत कराएं।अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस समाज और विकास के हर स्तर पर विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं में विकलांग व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के बारे में है।
दिवस को मनाने के पीछे खास उद्देश्य है कि, दिव्यांग लोगों के लिए है ताकि वे दूसरों के साथ समाज में पूरी तरह से, समान रूप से और प्रभावी रूप से भाग ले सकें, और अपने जीवन के सभी पहलुओं में किसी भी बाधा का सामना न करें।
देश में अब दिव्यांग व्यक्ति के लिए अधिकारों को प्रबल बनाया जा रहा है। भारत में विकलांगता अधिकार एक परिवर्तनकारी बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं, जो विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए समावेशिता और सशक्तिकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता से प्रेरित है। इस उद्देश्य यह है कि, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि, प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति, क्षमता की परवाह किए बिना, अवसरों तक पहुंच सके और समाज में पूरी तरह से भाग ले सकें।
इस दिवस को लेकर बात करें तो, साल 2015 में पीएम मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में विकलांग जनों को नया नाम “दिव्यांग” दिया। इसे लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि, विकलांगों के लिए ‘दिव्यांग’ शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि उनके पास एक अतिरिक्त शक्ति होती है। शब्दों का अपना महत्व होता है, परमात्मा ने जिसको शरीर में कुछ कमी दी है, हम उसे विकलांग कहते हैं। कभी-कभी हम जब उनसे मिलते हैं तो पता चलता है कि हमें आंखों से उनकी यह कमी दिखती है, लेकिन ईश्वर ने उन्हें कुछ एक्स्ट्रा पावर दिया होता है।
दिव्यांग जनों को किसी भी स्तर पर स्वस्थ माहौल देने के लिए सरकार द्वारा पहल औऱ योजनाएं शुरु की गई है, जिनकी जानकारी होना चाहिए।
1-दिव्य कला मेला
2-दिव्यांगजन व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग
3-सुगम्य भारत अभियान
4-दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना (डीडीआरएस)
5-जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी)
7-विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 (एसआईपीडीए) के कार्यान्वयन के लिए योजनाएं
ये भी पढ़ें- पुण्यतिथि विशेष: वो खिलाड़ी जिसने हिटलर को भी झुकने पर कर दिया था मजबूर, जानें उनकी कहानी
8-विकलांग व्यक्तियों को सहायक उपकरणों/उपकरणों की खरीद/फिटिंग के लिए सहायता (एडीआईपी) योजना
9-पीएम-दक्ष (प्रधानमंत्री दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही) योजना






