
जल्दबाजी में खाना खाने के नुकसान (सौ. सोशल मीडिया)
Fast Eating Health Risks: अच्छी सेहत के लिए खानपान का बेहतर होना जरूरी होता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद के लिए समय निकालना आसान नहीं होता है। कई बार समय नहीं मिलने की वजह से जल्दबाजी में खाना खा लेते है इसका नुकसान हमारी सेहत पर बुरी तरह से पड़ता है। खाना सही तरीके से नहीं लिया जाए तो समस्या बढ़ सकती है।जी हां, बात हो रही है पेट में बनने वाली गैस सौ समस्याओं की एक वजह कहा जा सकता है। खाने की गलत आदत से पेट में गैस की समस्या परेशान करती है इसके लिए इलाज बेहतर होना जरूरी है।
यहां पर पेट में गैस बनने की समस्या बड़ी गंभीर है जिसे अनदेखा करना सही नहीं है। यह पाचन तंत्र की गड़बड़ी और गलत जीवनशैली का संकेत हो सकता है। खाना खाने की प्रक्रिया में भोजन ठीक से नहीं पचता तो आंतों में किण्वन से कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन और मीथेन जैसी गैसें बनती हैं, जिससे पेट फूलना, भारीपन और दर्द होता है।
यहां पर पेट में गैस बनाने के लिए कई कारण जिम्मेदार होते है।मुख्य कारणों में तैलीय, मसालेदार और फास्ट फूड का ज्यादा सेवन; जल्दबाजी में बिना चबाए खाना, जिससे हवा निगल जाती है और आयुर्वेद के अनुसार कमजोर जठराग्नि (पाचन शक्ति), तनाव, चिंता और अनियमित दिनचर्या शामिल हैं। साथ ही दालें, सोडा वाले पेय और देर रात सोना भी मुख्य वजह हैं।
आयुर्वेद में वात से निजात पाने के कई उपाय सुझाए गए हैं। इनमें अजवाइन और काला नमक गुनगुने पानी के साथ लें, गैस तुरंत कम होती है। अदरक का टुकड़ा चबाएं, इससे पाचन मजबूत होता है। भोजन के बाद सौंफ चबाएं या पानी पिएं, गैस की समस्या दूर होती है। हींग को पानी में घोलकर पिएं या पेट पर मलें। गुनगुने पानी में नींबू मिलाकर पिएं। रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण लें, कब्ज और गैस कम होती है।
आयुर्वेद में सही जीवनशैली या दिनचर्या को सौ समस्याओं की काट बताया गया है। समय पर धीरे-धीरे चबाकर खाना खाएं, भोजन के बाद न लेटें, वॉक करें, और पवनमुक्तासन और वज्रासन जैसे योगासन और प्राणायाम करें। तनाव कम करें। खास बात है कि नींद की कमी से भी यह समस्या होती है। आयुर्वेद में इसे अधोवायु विकार कहते हैं। लगातार समस्या लिवर-पैनक्रियाज को प्रभावित कर सकती है।
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बच्चों-बुजुर्गों में ज्यादा आम है। मेथी पानी, पेपरमिंट ऑयल और पेट मालिश भी मददगार हैं। संतुलित आहार, अच्छी आदतें और घरेलू नुस्खे अपनाकर इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि, सेवन से पहले वैद्य से सलाह जरूर लें।
आईएएनएस के अनुसार






