सांसद प्रफुल्ल पटेल (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की पृष्ठभूमि में राज्य के सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं। राज्य की सत्तारूढ़ महायुति के प्रमुख नेता भले ही दावा कर रहे हैं कि चुनाव गठबंधन में ही लड़े जाएंगे। लेकिन सभी घटक दलों में स्थानीय स्तर पर जबरदस्त असंतोष भी देखने को मिल रहे हैं।
ऐसे में अजित पवार की राकां के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कुछ ऐसा बयान दिया है, जिसकी वजह से महायुति में मतभेद की चर्चा शुरू हो गई है और ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि डीसीएम अजित की राकां निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ने की संभावना तलाश रही है।
गोंदिया के तिरोदा में आयोजित अजीत की राकां के कार्यकर्ता सम्मेलन प्रफुल्ल पटेल ने कार्यकर्ताओं को चुनाव की पृष्ठभूमि में काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि महायुति का विचार मन से निकाल देना चाहिए। क्योंकि हमने तय किया है कि यदि युति में जमता है तो ठीक है अन्यथा छोड़ देना है।
पटेल ने आगे कहा सभी जगहों पर गठबंधन नहीं किया जा सकता। क्योंकि निर्वाचन क्षेत्र में हमारे इच्छुक उम्मीदवार होंगे। गठबंधन के अन्य घटक दलों के भी उम्मीदवार होंगे। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि अपनी पार्टी के उम्मीदवार को मौका न देना या उसे नुकसान पहुंचाना सही होगा। इसलिए, जहां सुविधाजनक होगा वहां हम युति का प्रयास करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि महापौर (नगराध्यक्ष) के चुनाव में सभी के वोटों की जरूरत होती है। इसलिए यदि तब हमें जरूरत हुई तो हम इस बारे में सोचेंगे, लेकिन मैं इसकी गारंटी भी नहीं देता।
पटेल ने कहा कि यदि हमें हमारी क्षमता के अनुरूप सीटें मिलती है, तो हम युति के बारे में सोचेंगे। यदि पिछली बार कोई सीट किसी और के पास थी, तो इसका मतलब यह नहीं है कि अब भी उनके पास ही होगी। क्योंकि इस नगर पालिका में कुछ भी देने का निर्णय नहीं लिया गया है। इसलिए, मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि हम आज हर वार्ड और महापौर का चुनाव लड़ेंगे। हमें इसी गणना के साथ काम करना शुरू करना चाहिए। अन्यथा, हम भ्रम में रहेंगे।
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि यदि महिला सीट आती है, तो किस महिला को खड़ा करना है? अगर ओबीसी आती है, तो ओबीसी में कौन होगा? सामान्य वर्ग आता है तो कैसे? इसी तरह एससी एसटी आरक्षण आता है तो क्या करना होगा? ऐसे सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि हमें इन सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए। क्योंकि एससी वर्ग बड़ा है. मुस्लिम वर्ग बड़ा है. इसे ध्यान में रखते हुए, हमें इस तथ्य को भी ध्यान में रखना चाहिए कि घड़ी को दूसरों की तुलना में अधिक वोट मिलेंगे। घड़ी को वोट देने वाला वर्ग थोड़ा अलग है। इसलिए, हमें अधिक वोट मिल सकते हैं.