सोमवार व्रत नियम (सौ.सोशल मीडिया)
प्रकृति और प्रेम का प्रतीक सावन महीने की शुरुआत कुछ ही दिनों में होने जा रही हैं। यह देवों के देव महादेव का प्रिय माह भी है, जो प्रभु की पूजा-अर्चना को समर्पित है। हिंदू धर्म में इसे महाकाल को प्रसन्न और उनकी विशेष कृपा पाने का उत्तम अवसर माना जाता है।
मान्यता है कि सावन में सृष्टि का संचालन स्वयं महादेव करते हैं, इसलिए इस समय की गई पूजा-तपस्या का फल व्यक्ति को शीघ्र मिलता है। यही नहीं आर्थिक तंगी, रोग, क्लेश और तनाव से भी मुक्ति मिलती हैं।
ज्योतिषयों का मानना है कि, सावन सोमवार पर भगवान शिव की उपासना करना और भी शुभ होता है। इस दिन व्रत रखने से मनवांछित फल मिलता हैं। लेकिन व्रत में कुछ खास नियमों का पालन करना भी बेहद जरूरी होता हैं। तभी पूजा का पूरा फल मिलता है। ऐसे में आइए सावन सोमवार के व्रत नियमों को जानते हैं।
आपको बता दें, हिंदू पंचांग का पांचवां महीना सावन इस बार 11 जुलाई, शुक्रवार 2025 से शुरू होने जा रहा हैं, जो 9 अगस्त तक चलेगा।
बता दें, पंचांग के अनुसार, इस साल सावन में कुल 4 सोमवार व्रत पड़ रहे हैं। जो इस
प्रकार है-
14 जुलाई – पहला सोमवार व्रत
21 जुलाई – दूसरा सोमवार व्रत
28 जुलाई – तीसरा सोमवार व्रत
04 अगस्त – चौथा और अंतिम सोमवार व्रत
ज्योतिषयों के अनुसार, सावन सोमवार के दिन सुबह ही स्नान और महादेव की पूजा करनी चाहिए। व्रत में संपूर्ण विधि के साथ महादेव की पूजा करें और उन्हें शमी का फूल, बेलपत्र और चंदन लगाएं।
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आपको बता दें, अगर आपने सावन सोमवार का व्रत रखा है, तो आप फलों में केला, सेब और पपीता खा सकते हैं। इसके अलावा अनार, नारियल पानी और दूध पी सकते हैं। भोजन के रूप में आप साबूदाना खिचड़ी या खीर का सेवन कर सकते हैं। ध्यान रखें खाना व्रत के नमक से ही बना हो। सिंघाड़े या कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी भी व्रत में खा सकते हैं।