जम्मू-कश्मीर में बाढ़ (Image- Social Media)
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर इन दिनों प्रकृति के कहर से जूझ रहा है। किश्तवाड़ और कठुआ के बाद अब डोडा जिले में बादल फटने की घटना से हड़कंप मच गया है। अचानक आए सैलाब से कम से कम 10 मकान बह गए हैं और कई लोग इसकी चपेट में आए हैं। अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि बचाव कार्य लगातार जारी है। पठानकोट-दिल्ली और जम्मू-कश्मीर को जोड़ने वाले सभी पुल अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। बस सेवा पूरी तरह से बाधित है।
कई स्थानों पर बिजली के खंभे गिरने और बह जाने से इंटरनेट सेवा भी लगभग ठप हो गई है। भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई गोदाम बह गए हैं। महिंद्रा वाहनों के एक गोदाम में सैकड़ों गाड़ियाँ पानी में डूब गईं। जम्मू का सबसे बड़ा श्मशान घाट तवी नदी में बह गया। तवी के किनारे स्थित तीन शिव मंदिर भी पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। निकी तवी क्षेत्र में कई घर पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बंद करनी पड़ी है।
लगातार बारिश के चलते कटरा-संगर रेलवे स्टेशन के पास टनल नंबर 16 पर भूस्खलन हो गया, जिससे रेल सेवाएं बाधित हो गई हैं। यात्रियों को सुझाव दिया गया है कि यात्रा से पहले ट्रेनों की स्थिति अवश्य जांच लें। वहीं, माता वैष्णो देवी की यात्रा भी फिलहाल स्थगित कर दी गई है। हेलीकॉप्टर और ई-कार सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और नदी-नालों के आसपास न जाएं।
बता दें कि, जम्मू-कश्मीर में प्रशासन ने शाम तक भारी बारिश कि चेतावनी जारी की है। डोडा जिले के थाथरी उप-मंडल में अचानक बादल फटने के बाद इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, और इसके कारण रास्तों पर पेड़ गिर गए तथा कई मकान क्षतिग्रस्त हुए। डोडा में इस प्राकृतिक आपदा के बाद कई घर पानी में बह चुके हैं और कुछ मकानों को गंभीर नुकसान हुआ है।
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स्थानीय लोगों की सालों की मेहनत और संपत्ति प्रकृति के इस प्रकोप का शिकार हो गई है। बर्बाद मकानों के कारण लोग अपना कीमती सामान सुरक्षित स्थान पर ले जाकर बचाने के लिए मजबूर हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग रामबन क्षेत्र में भारी भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है। लगातार जोरदार बारिश और तेज हवाओं के चलते तवी नदी का पानी रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर गया है।