दीवाली से पहले अपनाएं ये वास्तु उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Diwali Vastu Tips: दीपों का त्योहार दिवाली हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। जो हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार, 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश को दीयों की रोशनी से रौशन करते हुए धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि दीपावली के विशेष अवसर पर आपके घर में लक्ष्मी जी का वास बना रहे तो आपको इन वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। आइए जान लेते हैं इन वास्तु नियमों के बारे में-
वास्तु एवं ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा को विशेष महत्व दिया गया है। दीवाली से पहले आप उत्तर दिशा का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि, यह स्थान कुबेर देव और मां लक्ष्मी का स्थान है। आप इस दिशा में तिजोरी, जेवर या जरूरी कागजात आदि रख सकते हैं।
ऐसा करने से आपके ऊपर कुबेर देव और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। साथ ही आप इस दिशा में कुबेर यंत्र, माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करना भी काफी शुभ माना गया है।
वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार को विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसे में इसकी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। अगर आपका मुख्य द्वार जर्जर या अव्यवस्थित हालत में है, तो ऐसे में आपको वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है।
इसी के साथ आपके घर में टपकता हुए नल बिल्कुल नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह आपके लिए धन हानि का कारण बन सकता है। वहीं आप दीवाली से पहले बंद या खराब घड़ी, टूटा शीशा, टूटे बर्तन या टूटे-फूटे व खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान को भी बाहर कर दें। क्योंकि यह सभी चीजें नकारात्मकता को बढ़ावा देती हैं, जिससे धन हानि हो सकती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर को साफ-सुथरा और हवादार रखना चाहिए। घर के कोनों में रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा के लिए आप घर में तुलसी का पौधा भी लगा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें-शरद पूर्णिमा के दिन क्यों बनाई जाती है खीर, जानिए क्या है इसका श्रीकृष्ण जी से संबंध
इसे हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या फिर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। इसके साथ ही घर की दक्षिण दिशा में भारी सामान जैसे मशीनें, आदि रख सकते हैं। वास्तु-शास्त्र में माना गया है कि यह दिशा जितनी ढकी हो, उतना अच्छा है।