कुलगाम में चल रहा एंटी-टेरर अभियान, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
Jammu Kashmir Encounter: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के दुल क्षेत्र में रविवार सुबह से भारतीय सेना और आतंकवादियों के बीच संघर्ष जारी है। सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने बताया कि यह अभियान खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू किया गया था। जैसे ही सुरक्षाबलों ने इलाके में जांच की, आतंकवादियों से आमना-सामना हुआ और दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, इस इलाके में करीब 2 से 3 पाकिस्तानी आतंकियों के छुपे होने की संभावना जताई जा रही है।
यह मुठभेड़ ऐसे समय हो रही है जब सुरक्षाबल कश्मीर घाटी में ऑपरेशन अखल चला रहे हैं, जो अब तक के सबसे लंबे चलने वाले एंटी-टेरर ऑपरेशनों में से एक है। इसी क्रम में शुक्रवार रात हुई गोलीबारी में लांस नायक प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह शहीद हो गए थे। अब तक इस ऑपरेशन में 10 जवान घायल हो चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन अखल को 1 अगस्त से दक्षिण कश्मीर के अखल क्षेत्र के जंगलों में आतंकवादियों की गतिविधियों की पुष्ट जानकारी मिलने के बाद शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान अब तक 5 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया जा चुका है।
इसी बीच, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की गति और तेज हो गई है। किश्तवाड़ में हुई मुठभेड़ इसी श्रृंखला की एक नई घटना है। सुरक्षाकर्मियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से इन ऑपरेशनों को और सक्रिय कर दिया है। उस हमले में पाकिस्तान-आधारित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे।
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ऑपरेशन अखल और ऑपरेशन महादेव के बाद सुरक्षाकर्मियों ने पहलगाम हमले के जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को श्रीनगर के दाचीगाम इलाके में मार गिराया था। इसके अगले ही दिन, 29 जुलाई को, सेना ने ऑपरेशन शिव शक्ति चलाकर 2 और आतंकवादियों को ढेर कर दिया। 22 अप्रैल के बाद से अब तक सुरक्षाबलों ने लगभग 20 बड़े आतंकवादियों को नेस्तनाबूद कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ये अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी आतंकी खतरों को पूरी तरह समाप्त नहीं कर दिया जाता।