नटवर सिंह, सीताराम येचुरी व मनोहर जोशी (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: साल 2024 अपने अंत की ओर है। हम 2024 काे कुछ ही दिनों में अलविदा कहने वाले है। खट्टी-मीठी यादों के साथ हम नए साल में प्रवेश करने को तैयार हैं। हर साल की तरह इस साल भी देश ने कई प्रभावशाली शख्सियतों को दुखद विदाई दी। राजनीति जगत की कई नामचीन हस्तियों ने इस साल दुनिया को अलविदा कह दिया।
साल का अंत होते-होते 26 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया। भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह रेस्पिरेटरी डिजीज से जूझ रहे थे। जिसके चलते 26 दिसंबर 2024 को 92 साल की आयु में निधन हो गया। इसके अलावा इस साल सुशील कुमार मोदी से लेकर सीताराम येचुरी तक कई बड़े नामों ने इस साल आखिरी सांस ली। आइये यहां उन्हें एक बार फिर से याद करते हैं।
(16 मई 1929 – 10 अगस्त 2024)
भारतीय राजनयिक और राजनेता नटवर सिंह ने 10 अगस्त को अंतिम सांस ली। वे मई 2004 से दिसंबर 2005 तक मनमोहन सिंह सरकार में भारत के विदेश मंत्री रहे। सिंह को 1953 में भारतीय विदेश सेवा में चुना गया था। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ने के लिए 1984 में इस सेवा से इस्तीफा दे दिया।
(13 सितंबर 1958 – 12 अक्टूबर 2024)
महाराष्ट्र की राजनीति और बॉलीवुड अपनी पैठ जमाने वाल बाबा ज़ियाउद्दीन सिद्दीक़ी ने 12 अक्टूबर 2024 को दुनिया को अलविदा कह दिया। मुंबई उनके बेटे के ऑफिस के बाहर तीन हमलावरों में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र के बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। 2004 से 2008 के बीच उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति और श्रम के राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया था। 8 फरवरी 2024 को सिद्दीकी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया और 12 फरवरी 2024 को अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे।
(12 अगस्त 1952 – 12 सितंबर 2024)
सीताराम येचुरी भारतीय मार्क्सवादी राजनीतिज्ञ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव को निधन 12 सितंबर 2024 को हुआ। मार्क्सवादी विचारधारा को आगे भारत में आगे बढ़ाने में येचुरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) में शामिल हुए। एक साल बाद ही उन्हाेंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ज्वाइन कर ली। वे 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य थे। 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल के राज्यसभा सांसद भी रहे।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे प्रभात झा का निधन 26 जुलाई को हुआ। प्रभात झा पेशे से पत्रकार थे। बाद में वह राजनीति में आए और भाजपा में शामिल हो गए। वह पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।
(5 जनवरी 1952 – 13 मई 2024)
बिहार की राजनीति में अहम रोल अदा करने वाले भारतीयय जनता पार्टी के कद्दावर नेता सुशील कुमार मोदी कैंसर की वजह से 13 मई 2024 को जिंदगी की जंग हार गए। सुशील कुमार मोदी बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री भी रहे। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी इस बीमारी का खुलासा किया था।
(27 सितंबर 1948 – 29 जून 2024)
कांग्रेस नेता धर्मपुरी श्रीनिवास ने 29 जून 2024 को अंतिम सांस ली। वे आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और तीन बार विधानसभा के सदस्य रहे।
(29 अप्रैल 1941 – 1 मार्च 2024)
अजीज कुरैशी उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश एवं मिजोरम के राज्यपाल रहें। 1 मार्च 2024 को अजीज कुरैशी का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। कुरैशी ने पहले 2012 से 2015 तक उत्तराखंड के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। 2014 में एक महीने के लिए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। इसके बाद उन्होंने जनवरी से मार्च 2015 तक मिजोरम के 15वें राज्यपाल के रूप में कार्य किया।
(10 जून 1947 – 28 मार्च 2024)
अविनाशी गणेशमूर्ति तमिलनाडु के राजनेता थे। वे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सदस्य थे। उन्होंने आखिरी बार लोकसभा में इरोड का प्रतिनिधित्व किया था। इससे पहले वे 12वीं और 13वीं लोकसभा में सांसद रह चुके थे। 28 मार्च 2024 को तमिलनाडु के कोयंबटूर में 76 वर्षीय गणेशमूर्ति ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) के राष्ट्रीय महासचिव और सह प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह का निधन 25 जुलाई 2024 को हुआ। सिंह इस्लामपुर से विधायक रह चुके हैं। राजीव रंजन सिंह लंबे समय से जेडीयू के साथ जुड़े थे। पिछले साल ही बिहार के मुख्मयमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया था।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और सुरनकोट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मुश्ताक अहमद शाह बुखारी का दिल का दौरा पड़ने से 2 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया। सुरनकोट से 2 बार के विधायक रह चुके बुखारी इस साल फरवरी में भाजपा में शामिल हुए थे, जब केंद्र सरकार ने उनके पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया था। फिर भाजपा ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में उन्हें सुरनकोट से चुनाव मैदान में उतारा था, जहां 25 सितंबर को दूसरे चरण में 25 अन्य क्षेत्रों के साथ मतदान हुआ था।
बुखारी ने फरवरी 2022 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ 4 दशक लंबा नाता तोड़ दिया था। दरअसल अनुसूचित जनजाति के दर्जे को लेकर उनका पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से विवाद हुआ था जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।
उत्तर प्रदेश की राजनीति के बाहुबली नेताओं में शुमार मुख़्तार अंसारी का निधन 28 मार्च 2024 को कार्डियक अरेस्ट की वजह से हो गया। अंसारी ने मऊ विधानसभा क्षेत्र से रिकॉर्ड 5 बार जीत दर्ज की। अंसारी ने बसपा के उम्मीदवार के रूप में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता। आपराधिक गतिविधियों के कारण बसपा ने 2010 में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। बाद में उन्होंने अपने भाइयों के साथ अपनी पार्टी क़ौमी एकता दल का गठन किया।
राजस्थान के सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा का 8 अगस्त 2024 को हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे। अमृतलाल मीणा 2013 से तीन बार विधायक रहे।
(2 दिसम्बर 1937 – 23 फरवरी 2024)
शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर गजानन जोशी ने 23 फरवरी 2024 काे दुनिया को अलविदा कहा। मनोहर जोशी ने महाराष्ट्र और देश की राजनीति में करीब पांच दशक तक सक्रिय रहे। जोशी 1995-1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने 2002 से 2004 तक लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
नांदेड़ के सांसद और कांग्रेस नेता वसंतराव चव्हाण का 26 अगस्त 2024 को निधन हो गया है। वे कुछ समय से बीमार थे और हैदराबाद के किम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। गांव के सरपंच से राजनीति की शुरुआत करने वाले वसंतराव चव्हाण ने बाद में जिला परिषद का चुनाव भी जीता। नांदेड़ की राजनीति में उनका वर्चस्व था। चव्हाण 2009 में नायगांव विधानसभा से निर्दलीय विधायक बने। इसके बाद 2014 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।
मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन जयपाल सिंह जूदेव का निधन 2 नंवबर को हुआ। कैप्टन जयपाल सिंह जूदेव पवई विधानसभा से 2 बार के विधायक रहे। पेशे से पायलट जयपाल सिंह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खास दोस्तों में से एक थे। कहा जाता है कि उनकी दोस्ती एविएशन ट्रेनिंग के दौरान ही हुई थी और राजीव गांधी के कहने पर ही जयपाल सिंह कांग्रेस में शामिल हुए थे।
(23 फरवरी 1938 – 25 सितंबर 2024)
सूर्यकांता व्यास जिन्हें प्यार से जीजी के नाम से जाना जाता था। 25 सितंबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। राजस्थान की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी की नेता जीजी का बड़ा नाम था। सूर्यकांता व्यास मूलरूप से जोधपुर की रहने वाली थीं। वे 6 बार विधायक निर्वाचित हुई। 1990, 1993 और 1998 में जोधपुर विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं। बाद में उन्होंने 2008 , 2013 और 2018 के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
(4 जनवरी 1952 – 29 जुलाई 2024)
कांग्रेस के दिग्गज नेता आरिफ अकील का निधन लंबी बीमारी के चलते 29 जुलाई को निधन हो गया है। आरिफ अकील भोपाल उत्तर विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रहे। वे पहली बार 1990 में पहली बार विधायक बने। आरिफ अकील दो बार मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने। उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण, जेल और खाद्य विभाग की जिम्मेदारी संभाली थी। आरिफ अकील ने भोपाल में 1984 में यूनियन कार्बाइड गैस लीक हादसे के बाद फैक्ट्री से कुछ दूरी पर एक कस्बा आरिफ नगर बसाया। इससे जनता के बीच उनकी सकारात्मक छवि बनी।
हरियाणा के पूर्व सीएम और इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। 89 साल की उम्र में दुनिया से विदा लेने वाले चौटाला की हरियाणा की राजनीति में अमिट छाप है। किसान राजनीति के नाम पर उन्होंने जहां सीएम की कुर्सी हासिल की, वहीं तिहाड़ जेल में सबसे बुजुर्ग कैदी होने का अनचाहा रिकॉर्ड भी उनके नाम रहा। 1989 से 2005 तक चौटाला को 5 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का मौका मिला, लेकिन वे सिर्फ एक बार ही 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए।