मणिपुर एक बार फिर उबल रहा है और इसकी वजह है मैतेई नेता कानन सिंह की गिरफ्तारी (फोटो- सोशल मीडिया)
इम्फाल: मणिपुर एक बार फिर उबल रहा है और इसकी वजह है मैतेई नेता कानन सिंह की गिरफ्तारी। इंफाल एयरपोर्ट से सीबीआई ने उन्हें उस समय गिरफ्तार किया जब वे कहीं जाने की तैयारी में थे। गिरफ्तारी की खबर आग की तरह फैली और देखते ही देखते इंफाल सहित कई जिलों में हालात तनावपूर्ण हो गए। सड़कों पर टायर जलने लगे, प्रदर्शनकारियों ने आत्मदाह की कोशिश की और सरकार से उनकी रिहाई की मांग उठने लगी। इंटरनेट सेवाएं ठप कर दी गई हैं और जगह-जगह कर्फ्यू जैसा माहौल है। यह गिरफ्तारी मणिपुर की नब्ज को फिर झकझोर गई है।
कानन सिंह अरंबाई तेंगोल संगठन के सक्रिय सदस्य हैं, जिसे मणिपुर में मैतेई समुदाय की संस्कृति और पहचान को बचाने के उद्देश्य से बनाया गया था। लेकिन 2023 की जातीय हिंसा के दौरान इस संगठन पर कुकी समुदाय के खिलाफ हमलों का आरोप लगा। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई ने हिंसा से जुड़े मामलों की जांच तेज की और उसी कड़ी में कानन सिंह की गिरफ्तारी को अंजाम दिया गया, जिसे समुदाय ने सीधे अपने आत्मसम्मान पर हमला माना।
कौन हैं कानन सिंह और क्यों हुई गिरफ्तारी
मैतेई समुदाय से आने वाले कानन सिंह अरंबाई तेंगोल संगठन के प्रमुख नेताओं में गिने जाते हैं। यह संगठन 2020 में मणिपुरी संस्कृति और सनामही धर्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बना था। समय के साथ यह संगठन सांस्कृतिक मोर्चे से हटकर एक कट्टरपंथी पहचान में तब्दील हो गया। 2023 में मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के दौरान अरंबाई तेंगोल पर कुकी समुदाय पर हमले करने, गांव जलाने और अल्पसंख्यकों को धमकाने जैसे आरोप लगे। उसी हिंसा से जुड़े मामलों में कानन सिंह की गिरफ्तारी सीबीआई ने की, जिसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ट्रांसफर केस के तहत अंजाम दिया गया।
गिरफ्तारी के बाद क्यों भड़का मणिपुर
कानन सिंह की गिरफ्तारी के बाद मणिपुर की राजधानी इंफाल सहित कई जिलों में हालात बिगड़ गए। लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया, टायर जलाए और कई जगह आत्मदाह की कोशिशें हुईं। पूरे राज्य में तनाव बढ़ता देख इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। गिरफ्तारी के बाद कानन सिंह को गुवाहाटी ले जाया गया जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया गया और पुलिस रिमांड की मांग की गई।
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नेताओं की अपील और राज्यपाल से मुलाकात
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मणिपुर के 25 विधायकों और एक सांसद के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर कानन सिंह और अन्य गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग की। इस दौरान राज्यपाल को बताया गया कि समुदाय की भावनाएं आहत हो रही हैं। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि कानन सिंह को मणिपुर पुलिस ने नहीं बल्कि सीबीआई ने गिरफ्तार किया है और जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अगला कदम तय किया जाएगा। साथ ही चार अन्य लोगों को इसलिए उठाया गया क्योंकि वे कानन के साथ थे और जांच पूरी होने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।