खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन खालिस्तानी समर्थकों का हमला (फोटो-सोशल मीडिया)
ओटावा: कनाडा के वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों की हिंसा ने एक बार फिर वैश्विक मीडिया की नजरें खींच ली हैं। खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन उस समय घबरा गए जब उन्हें एक खालिस्तानी प्रदर्शन के दौरान रिपोर्टिंग करते समय प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया, फिर उन्हें धमकाया और उनका फोन छीन लिया। घटना के बाद बेजिरगन ने कहा कि वह अब भी कांप रहे हैं। यह मामला न सिर्फ प्रेस की आजादी पर खतरे की घंटी है, बल्कि कनाडा में भारत विरोधी खालिस्तान की गतिविधियों की गंभीरता को भी उजागर करता है।
मोचा बेजिरगन ने स्पष्ट कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उन्हें खालिस्तान समर्थकों की ओर से निशाना बनाया गया है। इससे पहले भी वे कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड में ऐसे प्रदर्शनों की रिकॉर्डिंग कर चुके हैं और ऑनलाइन धमकियों का सामना कर चुके हैं। रविवार को वैंकूवर में एक प्रदर्शनकारी, जो पहले भी उन्हें परेशान कर चुका था, ने अचानक उन्हें घेर लिया और फोन छीनने की कोशिश की। घटना के वक्त वैंकूवर पुलिस ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को काबू में लाया।
मोचा बेजिरगन को खालिस्तानियों ने बनाया निशाना
रविवार को वैंकूवर में हो रहे खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन की रिपोर्टिंग करते समय पत्रकार मोचा बेजिरगन पर भीड़ ने हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि वह प्रदर्शन की वीडियोग्राफी कर रहे थे तभी एक प्रदर्शनकारी, जो पहले भी उन्हें ऑनलाइन परेशान कर चुका था, ने उन्हें घेर लिया। इसके बाद कुछ और लोग भी आ गए और उनके फोन को छीन लिया गया। बेजिरगन ने कहा, यह सब दो घंटे पहले हुआ और मैं अब भी कांप रहा हूं।
उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें एक व्यक्ति उनसे उलझता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि, मौके पर मौजूद वैंकूवर पुलिस के एक अधिकारी ने समय रहते हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया।
भारत-कनाडा संबंधों में फिर से तनाव
यह घटना ऐसे वक्त सामने आई है जब भारत और कनाडा के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या के बाद कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हत्या में भारत पर आरोप लगाए थे, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में भारी दरार आई। अब मार्क कार्नी के नेतृत्व में भी स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ती दिख रही है। हाल ही में टोरंटो में खालिस्तानियों ने एक एंटी हिंदू परेड भी निकाली थी, जिसे कनाडाई पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर साझा किया।