
भारत की द्रौपदी मुर्मू, (फाइल फोटो)
Veer Bal Diwas 2025: भारत सरकार ने ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर देश के नन्हे नायकों और उभरती साहित्यिक प्रतिभाओं को सम्मानित करने की व्यापक तैयारी की है। जहां एक ओर अदम्य साहस और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 20 बच्चों को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा, वहीं ‘विकसित भारत 2047’ के विजन के साथ 43 युवा लेखकों को साहित्य के क्षेत्र में नई पहचान दी जाएगी।
आज यानी 26 दिसंबर को देशभर में ‘वीर बाल दिवस’ का आयोजन किया जाएगा। इस गौरवशाली अवसर पर नई दिल्ली में एक विशेष समारोह आयोजित होगा, जहाँ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) प्रदान करेंगी। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे और युवाओं को राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ संबोधित करेंगे।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सम्मान के लिए वर्ष 2025 हेतु 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 20 बच्चों का चयन किया गया है। ये पुरस्कार वीरता, कला एवं संस्कृति, पर्यावरण, सामाजिक सेवा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा खेल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिए जा रहे हैं। इन पुरस्कारों का मुख्य उद्देश्य बच्चों के साहस, दृढ़ता और निस्वार्थ सेवा की प्रेरक कहानियों को सामने लाना है, ताकि देश के अन्य युवा भी इससे प्रेरणा ले सकें।
शिक्षा मंत्रालय ने युवा लेखकों को प्रोत्साहन देने के लिए पीएम-युवा 3.0 योजना के परिणामों की भी घोषणा कर दी है। अखिल भारतीय प्रतियोगिता के माध्यम से 30 वर्ष से कम आयु के 43 लेखकों के पुस्तक प्रस्तावों का चयन किया गया है। इन चयनित लेखकों में विविधता का विशेष ध्यान रखा गया है, जिसमें 19 महिलाएं और 24 पुरुष शामिल हैं। यह चयन भारत की भाषाई समृद्धि को दर्शाता है, क्योंकि ये प्रस्ताव हिंदी, अंग्रेजी सहित संविधान की 22 आधिकारिक भाषाओं जैसे डोगरी, कश्मीरी, मणिपुरी, संताली और संस्कृत आदि में प्राप्त हुए हैं।
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चयनित लेखकों को न केवल ख्याति मिलेगी, बल्कि सरकार उन्हें पेशेवर लेखक के रूप में स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। सभी 43 लेखकों को प्रतिष्ठित विद्वानों के मार्गदर्शन में छह महीने की मेंटरशिप दी जाएगी। इसके अलावा, प्रत्येक लेखक को 50,000 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी और उनकी प्रकाशित पुस्तकों पर उन्हें आजीवन 10% रॉयल्टी भी मिलेगी।
यह आयोजन न केवल भारत की समृद्ध सभ्यतागत विरासत को प्रदर्शित करेगा, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ते सशक्त और जिम्मेदार नागरिकों के निर्माण की प्रतिबद्धता को भी दोहराएगा।






