राहुल गांधी(फोटो- सोशल मीडिया)
वाराणसी: राहुल गांधी के खिलाफ वाराणसी कोर्ट में दर्ज शिकायत में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट में याचिकाकर्ता की मेंटिबिलिटी पर बहस हुई। फाइल धारा 223 BNSS की दलील में कई दलील पेश की। जज ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट आज यानी 27 मई को फैसला सुनाएगी।
एडवोकेट हरीशंकर पांडेय ने अदालत में याचिका की वैधता पर दलीलें दीं और कई कानूनी नजीर पेश किए। कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रखा है। राहुल गांधी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी में दिए गए एक बयान में भगवान राम को ‘पौराणिक’ कहा तथा उनके युग की कहानियों को ‘काल्पनिक’ बताया था, जिस पर विवाद खड़ा हो गया।
एडवोकेट पांडेय का आरोप है कि राहुल ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है और उनको भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने की कीमत चुकानी चाहिए। कर्नाटक बीजेपी के एस. विग्नेश शिशिर ने 11 दिन पहले राहुल की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी।
इससे पहले कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राहुल गांधी के खिलाफ गुरुवार को झारखंड के चाईबासा एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी किया। साथ ही राहुल गांधी को अदालत ने 26 जून को पेश होने का भी आदेश दिया। राहुल गांधी के वकील ने पेशी से छूट के लिए अदालत में अर्जी दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए पेश होने के लिए कहा है।
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इस मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता केशव प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने 28 मार्च 2018 को कांग्रेस के अधिवेशन में बीजेपी के खिलाफ भाषण दिया था। इसको लेकर भाजपा नेता प्रताप कुमार ने राहुल गांधी के खिलाफ चाईबासा सीजेएम अदालत में 9 जुलाई 2018 को मानहानि की याचिका दायर की थी। अब कोर्ट ने इसपर सुनवाई करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ गैर जमानत वारंट जारी किया है। उनको कोर्ट में पेश होने का आदेश भी दिया गया है।