
विदेश मंत्री एस जयशंकर संसद में (सोर्स - सोशल मीडिया)
S. Jaishankar US Deportation Data: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में अहम जानकारी साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2009 से अब तक अमेरिका ने कुल 18,822 भारतीय नागरिकों को निर्वासित (डिपोर्ट) किया है। उन्होंने बताया कि सरकार डिपोर्ट किए गए यात्रियों से अनिवार्य रूप से बातचीत करती है और मानव तस्करी के मामलों की जांच के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्रालय निर्वासन प्रक्रिया के दौरान भारतीय नागरिकों के साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ निरंतर बातचीत कर रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में बताया कि अमेरिका ने पिछले वर्षों में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया है। एक लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 से लेकर अब तक कुल 18,822 भारतीयों को वापस भारत भेजा गया है। उन्होंने हाल के आंकड़े देते हुए बताया कि जनवरी 2025 से अब तक 3,258 भारतीय निर्वासित किए गए हैं। इन डिपोर्ट किए गए लोगों में से लगभग 62.3 प्रतिशत लोग नियमित कमर्शियल उड़ानों से आए, जबकि शेष 37.6 प्रतिशत अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE/CBP) द्वारा संचालित चार्टर उड़ानों से वापस लाए गए। सरकार का कहना है कि भारत आने वाली ऐसी हर निर्वासन उड़ान के यात्रियों से सरकारी अधिकारी अनिवार्य रूप से बातचीत करते हैं।
विदेश मंत्री ने सदन को बताया कि भारत सरकार मानव तस्करी के मामलों को लेकर काफी गंभीर है। इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के साथ-साथ विभिन्न राज्यों की पुलिस भी कर रही है। एनआईए ने मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ की स्थापना की है और अब तक इस संबंध में 27 प्राथमिकियां (FIR) दर्ज की हैं, जिनमें 169 गिरफ्तारियां हुई हैं और 132 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए गए हैं।
राज्यों की बात करें तो पंजाब में मानव तस्करी के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। पंजाब सरकार ने इस संबंध में SIT और तथ्य-अन्वेषण समिति गठित की है। उन्होंने बताया कि 58 अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 25 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। वहीं, हरियाणा में भी 2,325 मामलों में 44 प्राथमिकी दर्ज कर 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हरजीत कौर के मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्हें हथकड़ी नहीं लगाई गई थी, लेकिन हिरासत में उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ था। इस मामले को भारत ने 26 सितंबर को अमेरिकी दूतावास के समक्ष औपचारिक रूप से उठाया और कड़ी चिंता व्यक्त की।
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मंत्रालय ने अमेरिका के सामने विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए हथकड़ी या बेड़ियों के उपयोग पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। मंत्रालय अमेरिकी ICE/CBP के साथ लगातार बातचीत कर रहा है ताकि निर्वासन प्रक्रिया के दौरान भारतीय नागरिकों के साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित किया जा सके। मंत्री ने आश्वस्त किया कि 5 फरवरी की निर्वासन उड़ान के बाद से महिलाओं और बच्चों को बेड़ियां पहनाने की कोई घटना मंत्रालय के संज्ञान में नहीं आई है।






