
बेंगलुरु: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का उद्घाटन सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने जनसेवा विद्या केंद्र, चन्नेनहल्ली में भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करते हुए किया। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के उद्घाटन दिवस पर सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बैठक में देशभर से 1482 कार्यकर्ता उपस्थित हैं। हर वर्ष अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक देश और समाज की प्रमुख हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ शुरू होती है। उन्होंने कहा कि अधिकांश समय संघ के कार्यों का विश्लेषण और योजना बनाने में व्यतीत होगा। संघ स्थापना का यह 100वां वर्ष है। प्रतिनिधि सभा में संघ कार्य से सामाजिक प्रभाव और समाज में बदलाव लाने पर चर्चा, विचार-विमर्श होगा।
सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर ने बताया कि, 51,570 स्थानों पर प्रतिदिन कुल 83,129 शाखाएं संचालित की जाती हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10,000 से अधिक हैं, गत वर्ष यह संख्या 73,646 थी। साप्ताहिक मिलन में पिछले वर्ष की तुलना में 4,430 की वृद्धि हुई है, जहां शाखाओं और मिलन की कुल संख्या 1,15,276 है। सह सरकार्यवाह ने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष के दौरान कार्य के विस्तार की दिशा में काम कर रहा है, उसमें ग्रामीण मंडलों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। संघ ने संगठनात्मक योजना के तहत देश को 58,981 ग्रामीण मंडलों में विभाजित किया है, जिनमें से 30,717 मंडलों में दैनिक शाखाएं और 9,200 मंडलों में साप्ताहिक मिलन चल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष सरसंघचालक जी ने कार्यकर्ताओं से संघ कार्य विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए दो वर्ष का समय देने का आह्वान किया था, जिस पर 2,453 स्वयंसेवकों ने संघ कार्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए स्वयं को समर्पित किया। एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह कि संघ कार्य में युवाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। हर वर्ष लाखों युवा, विशेषकर 14-25 आयु वर्ग के संघ से जुड़ रहे हैं। देश भर में कुल 4,415 प्रारंभिक वर्ग आयोजित किए गए। इन वर्गों में 2,22,962 स्वयंसेवक शामिल हुए, जिनमें से 1,63,000 स्वयंसेवक 14-25 आयु वर्ग और 20,000 से अधिक स्वयंसेवक 40 वर्ष से अधिक आयु के थे।

उन्होंने बताया कि संघ वेबसाइट (www.rss.org) पर ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से साल 2012 से अब तक 12,72,453 से अधिक लोगों ने संघ से जुड़ने में रुचि दिखाई है, जिनमें से 46,000 से अधिक महिलाएं हैं। ऐसी हजारों महिला कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में संघ की विभिन्न गतिविधियों में कार्य कर रही हैं। वेबसाइट के माध्यम से रुचि दिखाने वालों में से कई अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और भारत के बाहर से भी हैं।
सरकार्यवाह जी द्वारा राष्ट्रीय परिदृश्य के विश्लेषण में प्रयागराज महाकुम्भ भी शामिल है। महाकुम्भ ने पूरे देश के सांस्कृतिक गौरव और आत्मविश्वास को बढ़ाया। महाकुम्भ ने भारत की आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत के अद्भुत दर्शन कराए और साथ ही समाज की आंतरिक श्रेष्ठता का बोध कराया। महाकुम्भ के लिए समुचित और सुचारू आधारभूत संरचना और प्रबंधन व्यवस्था बनाने और चलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार बधाई की पात्र है। महाकुम्भ के दौरान संघ से प्रेरित अनेक संस्थाओं और संगठनों ने विभिन्न प्रकार के सेवा, धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और वैचारिक आयोजन किए।
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आरएसएस@100 की स्थिति और 1925 से स्वयंसेवकों की संख्या को लेकर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में एक करोड़ से अधिक स्वयंसेवक हैं। स्वयंसेवक सेवा, ट्रेड यूनियन, किसान आदि विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। संघ से जुड़ने वाले अधिकांश लोग 12-14 और 15-20 वर्ष की आयु वर्ग के हैं। हालांकि कई लोग 40 की उम्र के बाद भी संघ से जुड़ते हैं, लेकिन अधिकांश बच्चे ही इसमें शामिल होते हैं।






