आयुष्मान वय वंदना कार्ड, सांकेतिक, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली: संसद की एक स्थायी समिति ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) में 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के बुजुर्गों को शामिल करने की पहल की सराहना की है। समिति ने यह सुझाव भी दिया है कि इस योजना के तहत आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए आयु सीमा को 60 वर्ष किया जाए, ताकि अधिक बुजुर्ग इसका लाभ उठा सकें। स्वास्थ्य मंत्रालय के विभिन्न विभागों पर जारी समिति की रिपोर्ट में कई अहम सिफारिशें की गई हैं।
संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि आयुष्मान योजना के तहत कवरेज को और व्यापक बनाने के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड के आयु मानदंड में संशोधन किया जाए। वर्तमान में इस कार्ड के लिए पात्रता आयु 70 वर्ष या उससे अधिक है, जिसे घटाकर 60 वर्ष किया जाना चाहिए। समिति ने यह भी सुझाव दिया कि इस बदलाव का लाभ सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना मिलना चाहिए। वर्तमान में, भारत की 40% से अधिक आबादी आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा रही है।
दिल्ली सरकार जल्द ही आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) को लागू करने के लिए नैशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर करेगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हस्ताक्षर की तारीख अभी निर्धारित नहीं हुई है, लेकिन यह 18 मार्च को हो सकती है। इस समझौते के बाद दिल्ली इस स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने वाला देश का 35वां राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा। इसके साथ ही, पश्चिम बंगाल ही एकमात्र ऐसा राज्य रहेगा जिसने इस योजना को स्वीकार नहीं किया है।
देश की अन्य सभी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में AB-PMJAY लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह योजना दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में शामिल थी। इससे पहले, आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने अपनी स्वयं की स्वास्थ्य योजना शुरू करते हुए AB-PMJAY को लागू करने से इनकार कर दिया था।
आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत देश की आर्थिक रूप से कमजोर 40% आबादी को स्वास्थ्य सुरक्षा दी जाती है। इस योजना के तहत 12.37 करोड़ परिवारों, यानी लगभग 55 करोड़ लोगों को हर साल प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है, जिससे वे अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने पिछले साल 29 अक्टूबर को इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए 70 साल और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना हर साल 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देने का फैसला किया था।