हिंदू देवी-देवताओं पर कांग्रेस नेता और तेलंगाना CM का विवादित बयान
Telangana CM Revanth Reddy Heart Hindu Sentiments: तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर घिर गए हैं। इस बार उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की संख्या और अस्तित्व पर सवाल उठाकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। एक कार्यक्रम के दौरान रेड्डी ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि हिंदू धर्म में अनगिनत भगवान हैं, कुंवारों लोगों के लिए हनुमान जी हैं, तो शराब पीने वालों के लिए कोई और है। उनके द्वारा दिए गए इस बयान ने सियासी पारे को चरम पर पहुंचा दिया है और विपक्ष ने इसे करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर चोट और प्रहार बताया है।
रेड्डी के इस बयान का वीडियो वायरल होते ही BJP और BRS ने उन पर तीखा हमला बोला है। भाजपा नेता चिक्कोटी प्रवीण ने कहा कि मुख्यमंत्री के ऐसे शब्दों से राज्य के हर हिंदू को शर्मिंदगी महसूस हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और रेवंत रेड्डी को अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के लिए हिंदू भावनाओं को आहत करने में कोई संकोच नहीं होता। वहीं, बीआरएस नेता राकेश रेड्डी अनुगुला ने इसे “सस्ती लोकप्रियता” का हथकंडा बताते हुए सीएम से तत्काल माफी की मांग की है।
🔹హిందూ దేవుళ్ళను అపహాస్యం చేయడం ప్రతి ఒక్కడికి ఒక ఫ్యాషన్ అయిపోయింది. 🔹ఒక ముఖ్యమంత్రి స్థాయిలో ఉండి కోట్ల మంది హిందువుల మనోభావాలు దెబ్బతినే విధంగా @revanth_anumula రేవంత్ రెడ్డి గారు దేవుళ్ళ పైన కారెడ్డాలాడుతూ మాట్లాడడం దురదృష్టకరం. 🔹ఏ ఎండకు ఆ గొడుగు పట్టే రేవంత్ రెడ్డి… pic.twitter.com/zMGmVBEA4e — Rakesh Reddy Anugula (@RakeshReddyBRS) December 2, 2025
रेवंत रेड्डी ने अपने संबोधन में हिंदू मान्यताओं का मजाक उड़ाते हुए अजीबोगरीब तर्क दिए। उन्होंने पूछा, “हिंदुओं के कितने भगवान हैं? क्या तीन करोड़? इतने सारे क्यों?” उन्होंने आगे कहा कि हर समूह का अपना अलग भगवान है। जो कुंवारे हैं, उनके लिए हनुमान हैं। जो दो बार शादी करते हैं, उनके लिए अलग भगवान हैं। यहां तक कि शराब पीने वालों, मुर्गा काटने वालों और दाल-चावल खाने वालों के लिए भी अलग-अलग देवता हैं। सीएम के इस “क्लासिफिकेशन” को विपक्ष ने हिंदू धर्म का अपमान करार दिया है।
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यह पहली बार नहीं है जब रेवंत रेड्डी ने हिंदू देवी-देवताओं पर टिप्पणी की हो। इससे पहले भी उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो लोग भगवान की फोटो लेकर कुछ मांगते हैं, वे हिंदू नहीं बल्कि भिखारी हैं। उन्होंने कहा था कि भगवान मंदिर में होने चाहिए और भक्ति दिल में। उनके पिछले बयानों की तरह, इस ताजा टिप्पणी ने भी उन्हें आलोचकों के निशाने पर ला खड़ा किया है। विपक्ष का कहना है कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसी हल्की भाषा शोभा नहीं देती।